Indian Army Helicopter Crash Today in Arunachal Pradesh: गुवाहाटी में डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, “दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर बोमडिला के पास एक छोटी उड़ान के लिए गया था। सुबह करीब 9.15 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल से इसका संपर्क टूट गया।
अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला में सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वेस्ट कामेंग जिले के एसपी बी.आर.बोमारेड्डी ने अमर उजाला को बताया कि हेलीकॉप्टर हादसे में दोनों पायलट की मौत हो गई है। मारे गए पायलटों की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल बीबी रेड्डी और मेजर जयंत का शव दुर्घटना स्थल से बरामद कर लिया गया है। दोनों के शवों को निकट के अस्पताल लाया जा रहा है, जहां पर अंतिम कार्रवाई की जाएगी। शव शाम करीब चार बजे मिले।
पिछले साल अक्तूबर में भी तवांग क्षेत्र में सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें एक पायलट की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब 9.15 बजे अरुणाचल प्रदेश के बोमडिला के पास एक ऑपरेशनल सॉर्टी के दौरान आर्मी एविएशन के चीता हेलीकॉप्टर के एटीसी से संपर्क टूटने की सूचना मिली थी। बाद में पता चला कि हेलीकॉप्टर बोमडिला के पश्चिम में मंडला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है।
पिछले साल अक्तूबर में भी हुआ था चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त
पिछले साल पांच अक्तूबर को अरुणचाल प्रदेश के तवांग में एक नियमित उड़ान के दौरान सेना का चीता हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में सेना के दो पायलट घायल हो गए थे, जिनमें से एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। सेना के अधिकारी ने बताया था यह दुर्घटना सुबह करीब 10 बजे एक नियमित उड़ान के दौरान तवांग के आग्रिम क्षेत्र जेमीथांक सर्कल के बाप टेंग कांग जलप्रपात क्षेत्र के पास न्यामजांग चू में हुई। हेलीकॉप्टर दो पायलटों के साथ सुरवा सांबा क्षेत्र से नियमित उड़ान पर आ रहा था।
दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद वहां राहत बचाव टीम मौके पर पहुंची फिर दो गंभीर रूप से घायल पायलटों को बाहर निकाला गया और एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। दोनों पायलटों में से एक लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। तवांग में यह पहला हेलीकॉप्टर हादसा नहीं था। 2017 में वायु सेना के Mi-17 V5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद IAF के पांच चालक दल के सदस्य और सेना के दो अधिकारी मारे गए थे।