International Dance Day , जो प्रत्येक वर्ष 29 अप्रैल को आयोजित किया जाता है, एक महत्वपूर्ण अवसर है जिसमें नृत्य को विश्वभर में प्रोत्साहित किया जाता है। यह दिवस 1982 में अंतरराष्ट्रीय रंगमंच संस्थान (आइटीआइ) की अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समिति द्वारा शुरू किया गया था।
International Dance Day : भारत की कला और संस्कृति के एक महत्वपूर्ण केंद्र, भोपाल, में भी कई ऐसे नृत्यांगनाओं ने अपनी खास पहचान बनाई हैं जो नृत्य को करियर के रूप में चुनकर उसकी महत्वाकांक्षा को पूरा कर रही हैं। इन नृत्यांगनाओं का काम सिर्फ भोपाल के नाम को ही नहीं रोशन किया है, बल्कि उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य की परंपरा को सहेजने और नई पीढ़ियों तक पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
International Dance Day : भारतीय शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जानी जाने वाली डा. लता सिंह मुंशी ने अपने नृत्य कौशल और ज्ञान के माध्यम से मध्य प्रदेश को विशेष पहचान दिलाई है। उन्होंने भरतनाट्यम के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर मशहूरी हासिल की है। साथ ही, उन्होंने अपने कलात्मक योगदान के माध्यम से नृत्य को और भी प्रेरणादायक बनाया है।
अपने कैरियर के उच्चांश में, डा. लता सिंह मुंशी ने देश-विदेश में नृत्य प्रदर्शन किया है और अपनी शैली में नए प्रयोगों को जीवन दिया है। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय नृत्य को गर्व से आगे बढ़ाया है और उसे विश्वस्तरीय पहचान दिलाई है।
कथक नृत्य के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान बनाने वाली डा. विजया शर्मा ने नृत्य को एक नई दिशा दी है। उन्होंने नृत्य को साहित्य और विचार के साथ जोड़कर उसे और भी समृद्ध बनाया है।
वी अनुराधा सिंह भी एक उत्कृष्ट कथक कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से अनेकों को प्रेरित किया है।
International Dance Day : इन नृत्यांगनाओं के योगदान से हमें यह सच्चाई सामने आती है कि भारतीय नृत्य की धारा न केवल विश्वस्तरीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर चुकी है, बल्कि यह नृत्य भी नई पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है और इसे आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने योगदान को बढ़ावा दिया है। उनकी प्रेरणा से हम देख सकते हैं कि नृत्य का महत्व और उसकी सांस्कृतिक गहराई क्या है। इनके माध्यम से, हम भारतीय संस्कृति की धरोहर को समझते हैं और उसे आगे बढ़ाने का प्रयास करते हैं।