अनिल टुटेजा (पूर्व IAS) : शराब घोटाला और गिरफ्तारी की कहानी
पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को एक दिन की जेल की सजा सुनाई गई है, जो दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें एक दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है।
पूर्व IAS : अनिल टुटेजा को सोमवार को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। प्रदेश में हुए दो हजार करोड़ कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज दूसरे इंफोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की पहली गिरफ्तारी हुई है। ईडी के अफसरों ने अनिल टुटेजा को शनिवार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद रविवार को गिरफ्तार कर प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी रंजू वैष्णव की कोर्ट में पेश किया।
ईडी और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अनिल टुटेजा को एक दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का फैसला सुनाया है।
पूर्व IAS : अनिल टुटेजा को सोमवार को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं बेटे यश टुटेजा से पूछताछ के बाद ईडी ने देर रात छोड़ दिया था। घर का खाना देने की मांग अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील की ओर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले दिनों दिए गए फैसले का हवाला दिया गया है। इस पर ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि शराब घोटाला मामले में ईडी ने नया ईसीआइआर दर्ज की है। उसी प्रकरण में अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया गया है। बचाव पक्ष के वकील ने अनिल टुटेजा के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कोर्ट को बताया कि अनिल की तबीयत खराब उन्हें घर का खाना उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ही अनिल को उनकी जरूरी दवाएं उपलब्ध कराने कोर्ट से मांग की गई। साथ ही अनिल से रात में पूछताछ नहीं किए जाने की मांग की है। अनिल टुटेजा सबसे पावर में ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी में कई आधार बताए हैं।
करीब में 16 पन्नों पर ईडी ने ग्राउंड आफ अरेस्ट का ब्योरा दिया है।
ईडी ने कहा है कि शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी, जो कंट्रोलर की भूमिका में थे। कौन हैं अनिल टुटेजा अनिल टुटेजा एक आईएएस अधिकारी के तौर पर अपनी सेवा दे चुके हैं। वे 2023 में रिटायर हुए थे। अ
निल टुटेजा ने 2003 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। पूर्व IAS
वे राज्य के उद्योग और वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात थे। क्या है शराब घोटाला और टुटेजा पर क्या हैं आरोप छत्तीसगढ़ का कथित शराब घोटाला शराब उद्योग में भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित है, जिसमें अधिकारियों और प्रभावशाली पदाधिकारियों को शामिल किया गया है। ईडी के अनुसार, 2019 और 2022 के बीच कुछ अनियमितताएं सामने आईं जब राज्य संचालित शराब रिटेलर सीएसएमसीएल के अधिकारियों ने डिस्टिलर्स से रिश्वत ली। पिछले साल जुलाई में जांच एजेंसी ने मामले में एक चार्जशीट दाखिल की। इसमें दावा किया गया कि 2019 में शुरू हुए कथित शराब घोटाले में 2,161 करोड़ का धन भ्रष्टाचार से जनरेट हुआ था।
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