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Pankaj Udhas: पंकज उधास, जो जमींदार घराने से थे, उनकी किस्मत को एक गजल ने बड़ी तेजी से बदल दिया था, रातों-रात।

Pankaj Udhas जमींदार परिवार से थे और उनका जन्म 17 मई 1951 को जेतपुर में हुआ था। वे उनतीस मई सत्रह जनवरी के बीच में जन्मे थे और तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे।

Pankaj Udhas, जिन्होंने अपनी शानदार आवाज से लोगों के दिलों में राज किया, अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। उनकी लंबी बीमारी के बाद आज उनका निधन हो गया है। वह 72 साल के थे और उन्होंने अपने गायन करियर के दौरान कई शानदार गाने प्रस्तुत किए थे। पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को जेतपुर में हुआ था और वह जमींदार परिवार से थे। उनका पूरा परिवार संगीत में था, जिनमें उनके भाई मनहार उधास भी एक प्रमुख गायक थे। पंकज ने अपने भाई को गाते हुए देखकर ही गायन की दुनिया में कदम रखा था और उन्होंने भी एक उच्च स्तर के गायक का मार्ग अपनाने का निर्णय किया था।

Pankaj Udhas का पहला स्टेज परफॉर्मेंस 1962 में इंडो-चाइना युद्ध के दौरान हुआ था, जहां उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाया। इस गीत के बाद, उनकी आवाज ने लोगों को काफी प्रभावित किया और उन्हें लोगों ने 51 रुपये की भेंट भी की थी। उन्होंने संगीत नृत्य एकेडमी से चार साल की पढ़ाई की और गायकी के साथ-साथ उर्दू भी सीखी।

बॉलीवुड में पहली बार साधारित हुए उनके गाने फिल्म ‘आहट’ से थे, जिससे उनकी पहचान बनी। साल 1986 में फिल्म ‘नाम’ ने उन्हें और भी पहचानी और फिल्म के गाने ‘चिट्ठी आई है’ ने काफी पॉपुलरिटी प्राप्त की।

पंकज ने अपने 36 साल के गायन करियर में कई शानदार गाने गाए और उन्होंने गजल क्षेत्र में अपना विशेष स्थान बनाया। उनका निधन इस संगीत इंडस्ट्री में एक बड़ी कमी छोड़ गया है और उनकी आवाज से लोग हमेशा याद करेंगे।

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