यह चक्रवाती तूफान फिलहाल बाड़मेर से 80 किमी और जोधपुर से 210 किमी दूर है। यह तूफान अगले 6 घंटों के दौरान कमजोर पड़ जाएगा। इस चक्रवाती तूफान का मॉनसून से कोई लेना-देना नहीं है।
अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय कमजोर हो चुका है। इस कारण कुछ स्थानीय पर हाई प्रेशर सेंटर बन चुका है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने इस बाबत कहा कि दक्षिणी राजस्थआन और उत्तरी गुजरात के आसपास के क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। चक्रवात के कारण केवल गुजरात और राजस्थान में ही बारिश देखने को मिलेगी। उन्होंने बताया कि दक्षिण पश्चिम राजस्थान पर गहरे दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह चक्रवाती तूफान फिलहाल बाड़मेर से 80 किमी और जोधपुर से 210 किमी दूर है। यह तूफान अगले 6 घंटों के दौरान कमजोर पड़ जाएगा। इस चक्रवाती तूफान का मॉनसून से कोई लेना-देना नहीं है।
भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 12 घंटों के दौरान चक्रवाती तूफान के और कमजोर होकर दबाव में बदलने की आशंका है। उदयपुर में बारिश और तेज हवाओं के बाद एक वीडियो जारी किया गया जिसमें एक इमारत की दूसरी मंजिल से कांच गिरते दिखाया गया है। इमारत के नीचे खड़ी कुछ कारों को नुकसान पहुंचा है। इससे पहले बताया गया था कि चक्रवात के प्रभाव के कारण कच्छ के भुज में कई पेड़ उखड़ गए। एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार को लोगों को रेस्क्यू करने का काम किया। मौसम विभाग के मुताबिक कच्छ में जखौ बंदरगाह से लगभग 10 किमी उत्तर में गुरुवार की रात चक्रवाती तूफान का लैंडफॉल हुआ था।
127 लोगों को किया गया रेस्क्यू
उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ने रुपेन बंदार प्राइमरी स्कूल से 127 नागरिकों को रेस्क्यू किया है। उन्हें बाद में द्वारका के एनडीएच स्कूल में शिफ्ट किया गया। एनडीआरएफ के मुताबिक रेस्क्यू किए गए लोगों ने 87 पुरुष, 27 महिलाओं और 15 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। पश्चिमी रेलवे ने शुक्रवार को कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया। अगले एक दो दिनों में भारी बारिश को लेकर संभावना जताई गई है।