Varsha Ritu Tourism Safety : जानिए कैसे बचें दुर्घटनाओं से !
Tourism Safety: वर्षा ऋतु में पर्यटन की खुशियां कहीं बदल न जाएं मुसीबत में, रहें सावधान .
Tourism Safety : जिले में एक जून से अब तक 8939.9 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है। बीते वर्ष की तुलना में यह 1203.23 मिली मीटर अधिक है। बिना रूके वर्षा के कारण जहां मैदानी क्षेत्रों के खेत खलिहान भर चुके हैं, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में मिट्टी कटाव की आशंका बढ़ गई है। जिले के वनस्थली क्षेत्र से लेकर नदियों के मुहाने तक हरियाली लहलहा रही है, लेकिन इसके साथ ही यह क्षेत्र जानलेवा भी हो गया है। वर्षा की फुहारें पाकर प्राकृतिक सौंदर्य से भरे जिले के पर्यटन स्थल हरियाली से आच्छादित हो चुके हैं।Tourism Safety
Tourism Safety : सतरेंगा, केंदई, बुका, बांगो आदि स्थलों को देखकर ऐसा लगता है, जैसे प्रकृति के कैनवास पर हरियाली का रंग चढ़ आया हो। लेकिन इसका दूसरा पहलू खतरों से भरा है। वर्षा के चलते जल स्तर बढ़ने से पर्यटन स्थलों की निखरती रंगत के फेर में जान आफत में आ सकती है।
प्रतिबंधित क्षेत्र में सैर-सपाटे के लिए जाने के कारण हर साल दुर्घटनाएं होती हैं। बीते तीन साल में दर्जनभर से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। पर्यावरण और पर्यटन स्थल के लिहाज से इन स्थलों पर प्राकृतिक सौंदर्य अपने पूरे उत्कर्ष पर आने लगा है।
Tourism Safety : जिला मुख्यालय से 45 से 70 किलोमीटर दूर सतरेंगा, गढ़, लेमरू, उपरोड़ा क्षेत्र में हरियाली भले ही लोगों के लिए लुभावनी बनी है, लेकिन डुबान क्षेत्र की दलदली जमीन लोगों के लिए समस्या खड़ी कर सकती है। छोटी-बड़ी नदियों के जलप्रपात और कल-कल करते झरने पर्यटकों के लिए आकर्षण के साथ मौत का कारण भी बन सकते हैं। देवपहरी के गोविंद झूंझा से कलकल प्रवाहित जल सौंदर्य देखने में जितना आकर्षक है, उतना ही जानलेवा भी है। वर्षा के कारण पथरीली राह फिसलन भरी हो गई है। इसके बावजूद भी इसे देखने के लिए लोग जान को जोखिम में डालकर पहुंच रहे हैं।
Tourism Safety : जांजगीर जिले के अकलतरा से आए एक शिक्षक की यहां डूबने से मौत हो गई थी।
इसी जगह एक दंपति सहित दो युवक-युवती भी जलप्रपात के बीच टापू में फंस गए थे, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद निकाला गया। बांगो बांध में जल स्तर बढ़ने के साथ ही यहां तैरने वाले मगरमच्छ से खतरा बढ़ गया है। पर्यटन स्थलों के पहुंच मार्ग तो बने हैं, लेकिन वर्षा में मिट्टी कटाव के कारण आवागमन भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में परिवार के साथ जल भराव वाले क्षेत्र के सैर-सपाटे मुसीबत को आमंत्रण साबित हो सकते हैं।
देवपहरी के गोविंद झूंझ में हर साल दुर्घटना की पुनरावृत्ति होती है। स्थानीय स्तर पर यहां सुरक्षा समिति गठित तो की गई है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग नियम का उल्लंघन करने में पीछे नहीं रहते। रील्स बनाने के लिए वीडियो शूटिंग और सेल्फी के लिए लोग यहां पहुंच रहे हैं। जिस स्थल में सालभर पहले दंपति और दो युवक-युवती फंसे थे, उसी स्थान पर दो साल पहले फिल्म शूटिंग के लिए पहुंची टीम पानी से घिर गई थी।
इन दिनों वर्षा जल के कारण स्थल को प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग नियम का उल्लंघन कर जलप्रपात देखने पहुंच रहे हैं। लगातार वर्षा से मिट्टी में कटाव की आशंका बढ़ गई है। केंदई जलप्रपात के सौंदर्य को देखने के लिए लोग जिस तरह से पहुंच रहे हैं वह खतरों से खाली नहीं है।
लगातार हो रही वर्षा की वजह से यह क्षेत्र पूरी तरह से असुरक्षित हो गया है। अनजाने में लोग इस स्थल में परिवार सहित आने की भी भूल कर रहे हैं। कुछ वर्ष पहले इस जगह में कटघोरा के दो युवकों की जान चली गई थी। तैरना नहीं आने के बाद भी लोग पानी में उतरते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
पर्यटन स्थलों पर बढ़ते जोखिम के मद्देनजर आवश्यक है कि लोग सतर्कता बरतें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
Tourism Safety : प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ ही सुरक्षा का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। बारिश के मौसम में जलस्तर का तेजी से बढ़ना और मिट्टी का कटाव, दोनों ही पर्यटकों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए पर्यटन स्थलों की यात्रा करें। सुरक्षा नियमों का पालन करें और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों को गंभीरता से लें ताकि उनकी खुशियां मुसीबत में न बदलें।
नियमित रूप से सुरक्षा मानकों का पालन और सतर्कता न केवल दुर्घटनाओं को कम कर सकते हैं, बल्कि पर्यटकों को सुरक्षित और सुखद अनुभव भी प्रदान कर सकते हैं। इस मौसम में पर्यटन की खुशियों का आनंद लें, लेकिन हमेशा सतर्क और सावधान रहें। Tourism Safety