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नैतिकता की हानि: भ्रष्टाचार का आभास

नियमों के विरुद्ध सूखा राशन वितरण, मास्क, ग्लोब्स खरीदी में Corruption करने पर तीन अफसर निलंबित

कोरोना काल में नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को स्कूल शिक्षा विभाग ने अंत में निलंबित कर दिया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने अंत में कोरोना काल में नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को निलंबित कर दिया है।स्कूल शिक्षा विभाग को चेतावनी दी गई थी कि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की घोषणा के बावजूद, स्कूली बच्चों के लिए सूखा राशन वितरण, मास्क, और ग्लोब्स की खरीद में Corruption करने वाले अधिकारी अपनी पदों पर बने हुए हैं। अनजाने में, अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें सूरजपुर के पूर्व डीईओ विनोद राय (जो अब डीईओ बलरामपुर हैं), मुंगेली के पूर्व डीईओ जेपी भारद्वाज (जो अब डीईओ कोरबा हैं), और बीजापुर के पूर्व डीईओ प्रमोद ठाकुर शामिल हैं।

इतना ध्याननीय है कि नौ फरवरी को विधानसभा में शिक्षा मंत्री अग्रवाल ने कोरोना काल में बिना निविदा के मनमानी तरीके से खरीदी गई सामग्री पर आरोपित अधिकारियों (डीईओ) को निलंबित करने की घोषणा की थी। इन अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोप में शामिल हैं कि कोरोना काल में स्कूली बच्चों के लिए दिए जाने वाले सूखा राशन में अनैतिकता की गई और उन्होंने स्वच्छता के नाम पर, सैनिटाइजर, मास्क, और ग्लोब्स की खरीद में Corruption किया गया।

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कहा जाता है कि पिछली सरकार में अधिकांश ज़िलों में इस प्रकार की अनैतिकता हुई थी, जिसके बारे में घड़बड़ी की बातें सामने आई हैं। उन ज़िलों में शामिल हैं सूरजपुर, जहाँ 11 करोड़ 36 लाख 34 हजार 730 रुपये, मुंगेली, जहाँ 99 लाख 95 हजार 151 रुपये, बस्तर, जहाँ 20 करोड़ 47 लाख 48 हजार 480 रुपये, बीजापुर, जहाँ 53 लाख 64 हजार 759 रुपये, और कोंडागांव, जहाँ 3 करोड़ 14 लाख 44 हजार 798 रुपये की ख़रीदारी हुई थी I

जारी बदलते स्कूली शिक्षा के परिदृश्य को मध्यस्थ करते हुए, स्कूली शिक्षा में सुधार लाने की दृष्टि से चाक परियोजना की शुरुआत की गई थी। इस परियोजना का कार्यान्वयन विश्व बैंक से संबंधित कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ सम्पन्न करना था, इसलिए 14 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इन शिक्षकों को एससीईआरटी में पदस्थ किया गया था, लेकिन अब उन्हें उनके मूल स्थानों पर भेज दिया गया है।

जो शिक्षक एससीईआरटी से हटाए गए हैं उनमें धर्मेंद कुमार बरेठ, हेमलता बंजारे, गौरीकांता साहू, डान सिंह वर्मा, निर्मला पांडेय, पूजा भावाराजू, प्रीति कुजूर, भुवन लाल पटेल, आशा वर्मा, वाणी मसीह, तरन्नुम खान, धनंजय शर्मा, गिरजाशंकर शुक्ला, और निलिमा साहू शामिल हैं।

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रायपुर दर्शन डिजिटल न्यूज़ चैनल का एक ऐसा माध्यम है जिसमे छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश दुनियां की सारी खबरे एक ही प्लेटफार्म में देखने मिलेंगी। हमारा उद्देश्य बदलते छत्तीसगढ़ ,नक्सलवाद का खात्मा करता छत्तीसगढ़ ,शिक्षा का अलख जगाता छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश दुनियां में सांस्कृतिक धरोहर को बेहतर मुकाम पर दिखाना है।

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