RAJIM KUMBH MELA 2024: CHHATISGARH
पाँच साल बाद एक बार फिर Rajim Kumbh मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें शिमला और मनाली की बातचीत के बाद मॉल रोड बनाया जाएगा। मंत्री बृजमोहन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने का एलान किया है, जिसमें यह भी शामिल है कि इस कुंभ मेला के दौरान Rajim में मॉल रोड की शुरुआत की जाएगी, जो शिमला और मनाली के तर्ज पर बनाया जाएगा।
2024 में छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने के बाद, पांच साल बाद फिर से Rajim में Kumbh मेला आयोजित किया जाएगा। यह Chhattisgarh का प्रयागराज है, और Rajim त्रिवेणी संगम नगरी है, जहां साधु-संत अपने पावन सानिध्य से इस मेले का आनंद लेंगे।
2024 में Rajim में होने वाले कुंभ मेला का आयोजन ने छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार के बनने के पश्चात् पांच सालों के बाद किया जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ का प्रयागराज है और Rajim त्रिवेणी संगम नगरी, जहां साधु-संत अपने पावन सानिध्य से गुजरेंगे, को एक नए रूप में सजाने का योजना बन रही है। Chhatisgarh के हिल स्टेशनों, जैसे कि मैनपाट, रामगढ़ और चैतुरगढ़, में भी शिमला और मनाली की तर्ज पर मॉल रोड बनाए जाएंगे, ताकि सैलानी प्रदेश के आश्चर्यजनक दृश्यों का आनंद उच्च तकनीकी सुविधाओं के साथ ले सकें।
हाल ही में, महानदी भवन मंत्रालय में हुई महत्वपूर्ण मैराथन बैठक में, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यटन, संस्कृति और धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस बैठक में, Rajim Kumbh मेले को विशेष रूप से मनाने, सिरपुर को विश्व धरोहर स्थल में शामिल करने, और सभी कक्षाओं के छात्रों को स्कूल में निःशुल्क साइकिल और 12वीं तक के पाठ्य पुस्तकों के निःशुल्क वितरण के लिए निर्देश दिए गए हैं।
Rajim Kumbh Mela 2024 को विशेष रूप से आयोजित किया जाएगा, जिसके संबंध में मंत्री अग्रवाल ने सीरपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने के लिए प्रयास करने और मेले की तैयारी को भव्य बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। राजिम मंदिर के परिक्रमा पथ का निर्माण करने की योजना है, और अधिकारियों को राज्य के मेला महोत्सव को बढ़ावा देने के भी निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि इसे पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा मिल सके।
उन्होंने पर्यटन के प्रचार-प्रसार और विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण निर्देश दिए, और मैनपाट जैसे हिल स्टेशन वाले शहरों के रूप में शिमला और मनाली की तर्ज पर मॉलरोड बनाए जाएंगे। सरगुजा के रामगढ़ और चैतुरगढ़ जैसे स्थानों को हिल स्टेशन के रूप में विकसित करने का भी उल्लेख किया गया है, ताकि यहां पर्यटकों को राज्य से लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आकर्षित किया जा सके।
अग्रवाल ने पर्यटन और संस्कृति विभाग के अधिकारियों को सभी पर्यटन स्थलों और मेले-महोत्सवों के विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश जारी किए हैं।
RAJIM KUMBH MELA 2024
- 9वीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को अब उच्च गुणवत्ता की साइकिलें मुफ्त मिलेंगी, जिसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, स्कूलों में एयर-पम्प की सुविधा भी होगी। अग्रवाल ने अधिकारियों को यह भी दिशा दी है कि 12वीं तक के सभी विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा और पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने की तैयारी की जाए।
- उन्होंने कहा कि स्कूलों के निर्माण और मरम्मत कार्यों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए और सभी कार्य समय-सीमा में पूरे होने चाहिए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ज्ञान प्रोत्साहन योजना के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के मेधावी छात्रों को मेरिट स्थान पर प्रोत्साहन राशि 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए की जाएगी।
- उसने यह भी बताया कि अब राज्य में सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था होगी, और सीए, सीएस, बैंकिंग, रेलवे के साथ-साथ विभिन्न सेक्टर्स की परीक्षाओं के लिए गुणवत्ता पूर्ण निःशुल्क कोचिंग की जाएगी।
- उच्च शिक्षा विभाग के समीक्षा बैठक के दौरान, मंत्री अग्रवाल ने 100 कॉलेजों में अंग्रेजी माध्यम के सेक्शन खोलने की कार्ययोजना बनाने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फाइलों को 7 दिन से अधिक समय तक रोका न जाए, और इसका उल्लंघन होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- अग्रवाल ने रिक्त पदों के लिए 7 दिनों के भीतर भर्ती नियम बनाने के लिए भी निर्देश दिए हैं और विभागों को जल्दी से सेटअप रिवीजन करने के लिए भी कहा है। इससे पदोन्नति, भर्ती, नियुक्ति, ट्रांसफर, और सेटअप सभी निर्धारित समय-सीमा के भीतर हो सकेगा।
- अग्रवाल ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विश्वविद्यायलों के ग्रेडिंग को सुधारने, रिक्त पदों को भरने, और कॉमर्स और विज्ञान संकाय को बढ़ावा देने की भी बात की।
- उन्होंने महाविद्यालयों में बीएससी पाठ्यक्रम में कृषि विज्ञान को शामिल करने की तैयारी के निर्देश दिए और कॉलेजों में सामान्य शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक, नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया।
- अधिकारियों को सीएसआर के तहत कॉलेजों के लिए फंड जुटाने और बेहतर व्यवस्था देने का प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं, और धन की कमी में विद्यार्थियों को सरकार द्वारा बस का किराया या पास उपलब्ध कराने की भी तैयारी के लिए निर्देश दिए गए हैं।