प्रेतों से यौन संबंध बताकर जला दी गईं महिलाएं:यूरोप में ऐसी कब्र जहां सोई है ‘शैतान की दोस्त’, भारत में भी डायन ठहराकर मार डाला
15वीं-16वीं शताब्दी में यूरोप में डायन बिसाही की चर्चा जोरों पर थी। इन दिनों किसी भी आम महिला के मन में डर बना रहता कि कोई उस पर डायन होने का आरोप न लगा दे।
ऐसा होने पर स्थानीय चर्च में महिला की कड़ी जांच की जाती; जो जांच कम प्रताड़ना ज्यादा होती। मारपीट कर महिलाओं से सवाल पूछे जाते। उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता। लोहे के गर्म सरिए से भी उनको दागा जाता।
अगर चर्च के पादरी को लगता की महिला वाकई डायन है तो उसे मौत की सजा दी जाती। यूरोप के कुछ हिस्सों में तो दोषी ठहराए जाने की दर 85% तक थी।
डायन साबित हुई महिला का एक ही अंजाम होता- मौत। और यह मौत भी उन्हें आसानी से नहीं मिलती। काफी तड़पाने के बाद उन्हें जिंदा जला दिया जाता।
लेकिन इन सबसे से भी बढ़कर एक आरोप लगता था। जिसे सुनकर आज किसी को भी हंसी आ सकती है। डायन ठहराई गई महिलाओं पर डेविल यानी शैतान या प्रेत के साथ यौन संबंध बनाने के भी आरोप लगते थे।
यूरोप में महिला अधिकारों के लिए काम करने वाले कुछ संगठन एक बार फिर से इतिहास के इस स्याह हकीकत को दुनिया के सामने ला रहे हैं।
अकेली कब्र, जिसमें सोई है ‘शैतान की साथी’
टोरिबर्न स्कॉटलैंड का तटीय इलाका है। यहां समुद्र के बिल्कुल किनारे एक कब्र है। यह उस महिला की कब्र है, जिसपर डायन होने के आरोप लगे थे।
आमतौर पर डायन ठहराई गई महिला को जलाकर मार दिया जाता था। जिसके चलते उनकी कब्र बनाने या दफनाने की नौबत ही नहीं आती।
लेकिन लिलिस ऐडी नाम की इस महिला की मौत जांच के दौरान ही हो गई थी। जांच के दौरान होने वाली मार-पिटाई और प्रताड़नाओं को लिलिस झेल नहीं पाई थी।
लिलिस की अकेली कब्र कभी नजर आती है, जब ज्वार-भाटे के दौरान समुद्र का पानी नीचे जाता है। बाकी समय यह कब्र समुद्र में समा जाती है।
पूरे स्कॉटलैंड में यह अपनी तरह की इकलौती कब्र है। अपमानजनक तरीके से इस कब्र को अजीब शक्ल दी गई है। कब्र के ऊपर बड़े-बड़े पत्थर लगाए गए हैं। क्योंकि लोगों को डर था कि मरने के बाद भी डायन की आत्मा उन्हें परेशान कर सकती है।जब यह कब्र पानी के बाहर आती है तो कई महिला संगठन यहां पहुंचते और उसे याद करते हैं।
लिलिस पर भी लगा था प्रेत से संबंध रखने का आरोप
15वीं-16वीं शताब्दी में डायन के बारे में ‘पैक्ट विद डेविल’ यानी प्रेत के साथ समझौते का कॉन्सेप्ट था जिसके चलते यह माना जाता कि डायन ने बुरी आत्मा या प्रेत के साथ समझौता किया है। इस समझौते के बदले बुरी आत्मा या दूसरों को परेशान करने या मारने में डायन की मदद करते हैं।
मान्यता थी कि इस समझौते का सबसे अहम हिस्सा प्रेत के साथ संबंध रखना होता था और शारीरिक संबंधों का लालच देकर डायन प्रेतों को अपने वश में करती थी।
स्कॉटलैंड की लिलिस पर भी प्रेत के साथ संबंध बनाने के आरोप लगे थे। चर्च में इस संबंध की जांच चल ही रही थी कि उसकी मौत हो गई। चूंकि वह अपनी मौत के वक्त दोषी नहीं ठहराई गई थी, इसलिए उसे बाकी कथित डायन की तरह जलाया नहीं गया। बल्कि एक कब्र में दफन किया गया।
यूरोप में डायन बिसाही के शक में मारी गईं हजारों महिलाएं
यूरोप में पूरे मध्यकाल के दौरान डायन बिसाही के शक में हजारों महिलाएं मारी गईं। माना जाता है कि वर्ष 1560 से लेकर 1660 के बीच ही यूरोप में लगभग 50 हजार महिलाओं को डायन होने के शक में मारा गया। कई जगहों पर तो कथित डायनों का सजा देने के लिए स्पेशल कोर्ट तक बनाए गए थे।
भारत में भी 10 साल में डायन बिसाही के नाम पर 1500 हत्याएं
डायन बिसाही यूरोपीय में इतिहास का हिस्सा बन चुका है। लेकिन अपने देश में यह कुप्रथा आज भी बदस्तूर जारी है।
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक साल 2011 से लेकर 2022 के बीच में देश भर में लगभग 1500 हत्याएं डायन होने के शक में की गई। इनमें से सबसे ज्यादा हत्याएं झारखंड में हुईं।
डायन बिसाही के शक में प्रताड़ित होने और जान गंवाने वाली अधिकर महिलाएं ही थीं।
अपना मल खाने और पेशाब पीने को करते हैं मजबूर
एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक मौजूदा वक्त में झारखंड, ओडिशा और असम में डायन बिसाही के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। कई बार तो डायन होने के आरोप में महिलाओं को खुद का मल-मूत्र पीने के लिए मजबूर किया जाता है।
देश भर में डायन बिहासी के शक में महिलाओं पर बढ़ते जुल्म के बीच कई राज्यों ने डायन बिसाही को लेकर कड़े कानून बनाए हैं। झारखंड में ऐसा करने पर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है।
देश में किस तरह महिलाओं पर डायन होने के झठे आरोप लगाकर उनको प्रताड़ित किया जाता है; इसे जानने के लिए आप झारखंड की झारखंड की रहने वाली आदिवासी महिला दुर्गा महतो की कहानी पढ़ सकते हैं।
दुर्गा महतो ने अपने गांव के एक दबंग शख्स के साथ संबंध बनाने से इनकार कर दिया था। इससे खार खाए दबंग ने साजिश के तहत दुर्गा पर डायन होने के आरोप लगा दिए। जिसके बाद पूरे गांव में दुर्गा का बहिष्कार किया गया। उसके और उसके घरवालों की बेहरमी से पिटाई की गई।