IAS अफसर टीना डाबी अपने कार्यकलापों की वजह से एक बार फिर चर्चा में हैं. उनके आदेश के बाद जैसलमेर में पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदुओं के कच्चे घरों को ढहा दिया गया है. उनके इस फैसले की जमकर आलोचना हो रही है. 150 से ज्यादा लोग जिनमें बच्चे भी शामिल हैं. अब वह खुले आसमान के नीचे गुजर करने को मजबूर हैं.
जैसलमेर के अमर सागर क्षेत्र की घटना
राजस्थान के जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर दूर अमर सागर क्षेत्र में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदुओं के मकानों को कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद ढहा दिया गया. 50 से ज्यादा कच्चे मकानों को यूआईटी ने अतिक्रमण मानते हुए बुलडोजर और जेसीबी की मदद से जमींदोज कर दिया. इस कार्रवाई से ज्यादा महिला, पुरुष और बच्चे अब खुले आसमान के नीचे आ गए है. प्रशासन के मुताबिक, विस्थापित अमर सागर तालाब के किनारे अवैध मकान बनाकर रह रहे थे, जिसके कारण तालाब के पानी की आवक रुक गई थी. साथ ही यह भूमि काफी कीमती भी बताई जा रही है.
दरअसल, जैसलमेर जिला मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर दूर अमर सागर ग्राम पंचायत क्षेत्र में पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीडऩ के कारण विस्थापित होकर कई हिन्दू परिवार यूआईटी की जमीन पर कच्ची झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे. एक-एककर यहां पर 30 से ज्यादा विस्थापित परिवारों ने अपना बसेरा बना लिया था. यूआईटी ने करोड़ों की कीमत वाली भूमि को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन से मदद मांगी थी, जिसके बाद दो महीने पहले इस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था. साथ ही विस्थापितों को जगह खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए थे.
जिला प्रशासन की टीम पुलिस बल के साथ अमर सागर पहुंची और यहां पर मौजूद 50 से ज्यादा कच्चे मकानों को ढहा दिया. प्रशासन की इस कार्रवाई का पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए हिंदुओं ने जमकर विरोध किया. मगर, प्रशासन ने उनकी एक न सुनी. इसके बाद लोग अपना-अपना सामान बचाते फिरे .