Chhattisgarh Aadivasi Vikas
Aadivasi Vikas : विशेष लेख : विश्व आदिवासी दिवस : छत्तीसगढ़ में मुख्यधारा से जुड़ता आदिवासी समुदाय
Aadivasi Vikas : प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य जनजाति समुदायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जागरूकता फैलाना है। यह दिन 1994 में पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किया गया था, और इसका उद्देश्य आदिवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करके उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है।
Aadivasi Vikas : छत्तीसगढ़ राज्य में वन और वहां निवासरत आदिवासी समुदाय राज्य की एक विशेष पहचान रहे हैं। प्रदेश के लगभग आधे भू-भाग में जंगल हैं, जहां मेला-महोत्सवों के माध्यम से आदिवासी संस्कृति फलती-फूलती रही है। इनकी कला, संस्कृति, लोक परंपरा, रीति-रिवाज, रहन-सहन और वेशभूषा ने इन्हें देश-दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई है।
Aadivasi Vikas : जनजातियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत उनके दैनिक जीवन, तीज-त्यौहार, धार्मिक रीति-रिवाज और परंपराओं के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। बस्तर के जनजातियों की घोटुल प्रथा विशेष रूप से प्रसिद्ध है। जनजातियों के प्रमुख नृत्य गौर, कर्मा, ककसार, जशपुर और सरगुजा के शैला नृत्य सहित प्रदेश के सरहुल और परब जन-जन में लोकप्रिय हैं।
Aadivasi Vikas : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, जो स्वयं आदिवासी समाज से हैं, के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आदिम संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयास किए हैं।
Aadivasi Vikas : आदिवासी समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने और अंतिम छोर के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बस्तर संभाग के 5 जिलों – सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और कांकेर में ‘नियद नेल्लानार’ (जिसका तात्पर्य है “आपका आदर्श ग्राम”) योजना जैसी अभिनव योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
इस योजना के तहत इन जिलों में स्थापित सुरक्षा कैंपों के आसपास के पांच किलोमीटर की परिधि में संचालित होती है। ग्रामीणों को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा संचालित 52 योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। इन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
जनजाति समुदायों को सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं और विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जनमन योजना का आदिवासी वनांचलों में बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना में 9 केंद्रीय मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
योजना के तहत प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों (PVTG) की बसाहट के आसपास शिविर लगाकर हितग्राहियों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, जनधन खाता, आयुष्मान कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और अन्य आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। सभी हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र भी दिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत पक्के घरों का प्रावधान, पक्की सड़कों का निर्माण, नल से जल की सुविधा, समुदाय आधारित पेयजल योजनाएं, छात्रावासों का निर्माण, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण आहार, बहुउद्देशीय केंद्रों का निर्माण, घरों का विद्युतीकरण (ग्रिड और सोलर पावर के माध्यम से), वनधन केंद्रों की स्थापना, इंटरनेट और मोबाइल सेवा की उपलब्धता और आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास के कार्य किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत प्रदेश में व्यापक स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में आदिवासी समुदाय को जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने आदिवासी समाज के प्रणेता गुंडाधुर जी की स्मृति में वनों की सुरक्षा की पहल शुरू की है। इसमें आदिवासी समाज के लोग स्वप्रेरणा से योगदान दे रहे हैं।
Aadivasi Vikas : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के विकास के लिए किए जा रहे इन प्रयासों से यह स्पष्ट होता है कि राज्य की सरकार आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।
Aadivasi Vikas : जनजातीय समुदाय की कला और संस्कृति को जीवित रखने और इसे व्यापक पहचान दिलाने के लिए राज्य में कई योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इनमें से कई कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। राज्य सरकार के इस प्रयास से आदिवासी समुदाय की भागीदारी मुख्यधारा में बढ़ रही है और वे राज्य और देश की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं।
Aadivasi Vikas : छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय के संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों से यह भी स्पष्ट होता है कि यह प्रदेश अपनी धरोहर को संजोने के साथ-साथ आधुनिकता की ओर भी तेजी से अग्रसर हो रहा है। आदिवासियों की कला, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार के निरंतर प्रयास रंग ला रहे हैं।
इन प्रयासों का उद्देश्य केवल आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ना ही नहीं है, बल्कि उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना भी है। इसके परिणामस्वरूप, छत्तीसगढ़ का आदिवासी समुदाय न केवल अपनी पहचान और संस्कृति को संरक्षित करने में सफल हो रहा है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी सशक्त हो रहा है।
Aadivasi Vikas : राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे ये प्रयास न केवल आदिवासी समुदाय के लिए लाभकारी हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आदिवासी समुदाय की सशक्तिकरण और उनके उत्थान के लिए किए जा रहे इन प्रयासों से छत्तीसगढ़ एक नये युग में प्रवेश कर रहा है, जहां विकास और संस्कृति का अद्भुत समन्वय देखने को मिल रहा है।