छत्तीसगढ़

Kosmanara Satyanarayan Baba puja !

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम कोसमनारा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किया दर्शन

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : आज रायगढ़ प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ग्राम कोसमनारा स्थित श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम पहुंचे। यहां उन्होंने श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा और भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी भी उपस्थित थे।

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम, कोसमनारा आस्था का प्रमुख केंद्र है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा सत्यनारायण और भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। बाबा सत्यनारायण पूरे दिन भगवान भोलेनाथ की तपस्या और ध्यान में लीन रहते हैं और केवल आधी रात को एक बार सामान्य अवस्था में आते हैं।

Kosmanara Satyanarayan Baba puja

इस दौरान बाबा केवल फल और दूध ग्रहण करते हैं और आश्रम में उपस्थित भक्तों से मिलते हैं। वे भक्तों की समस्याएं सुनकर उनका समाधान इशारों में ही बता देते हैं। बाबा ने 1998 से तपस्या शुरू की थी और 2003 में उन्हें 108 की उपाधि मिली, जिसके बाद से बाबा धाम की प्रसिद्धि बढ़ी और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई।

इस अवसर पर श्री गुरुपाल भल्ला, श्री महेश साहू, श्री विवेक रंजन सिन्हा, श्री ज्ञानू गौतम, श्री मनीष शर्मा, कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल और सीईओ जिला पंचायत श्री जितेंद्र यादव भी उपस्थित थे।

तपस्या में लीन श्री सत्यनारायण बाबा

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम कोसमनारा में श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा तीनों मौसम, वर्षा, ग्रीष्म और ठंड में खुले में ही भगवान भोलेनाथ की तपस्या में लीन रहते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, बाबा सत्यनारायण 25 वर्षों से अधिक समय से खुले में तपस्या कर रहे हैं। बाबा ने जिस स्थान पर तपस्या शुरू की, वह पहले एक बंजर जगह थी। बाबा ने उस बंजर जमीन पर कुछ पत्थरों को इकट्ठा कर शिवलिंग का रूप देकर अपनी जीभ काटकर समर्पित कर दी थी। तब से बाबा लगातार तपस्या में लीन हैं।

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : बाबा सत्यनारायण की तपस्या का प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जिस स्थान को कभी बंजर कहा जाता था, वह अब एक पवित्र तीर्थ स्थल बन चुका है। श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां आकर बाबा के दर्शन करते हैं और उनकी तपस्या की कहानी सुनते हैं। बाबा का तप और उनकी तपस्या के प्रति दृढ़ता लोगों को प्रेरित करती है।

बाबा की दैनिक दिनचर्या

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : बाबा सत्यनारायण की दैनिक दिनचर्या बहुत ही कठिन और अनुशासित होती है। वह पूरे दिन भगवान भोलेनाथ की तपस्या में लीन रहते हैं और केवल आधी रात को ही सामान्य अवस्था में आते हैं। इस दौरान बाबा फल और दूध ग्रहण करते हैं। वह आश्रम में उपस्थित भक्तों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान इशारों में ही बता देते हैं। बाबा का यह साधारण और तपस्वी जीवन लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।

बाबा की प्रसिद्धि और आस्था

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा की तपस्या और उनकी अद्वितीय साधना के कारण उनकी प्रसिद्धि दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वर्ष 2003 में उन्हें 108 की उपाधि मिली, जिसके बाद से बाबा धाम की प्रसिद्धि के साथ श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ी है। अब यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। बाबा के तप और उनकी साधना ने लोगों के दिलों में गहरी आस्था जगा दी है।

बाबा की साधना का प्रभाव

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा की तपस्या का प्रभाव न केवल स्थानीय लोगों पर, बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं पर भी पड़ा है। बाबा की साधना और उनकी तपस्या की कहानी सुनकर लोग प्रभावित होते हैं और उनके प्रति श्रद्धा से भर जाते हैं। बाबा का तप और उनकी तपस्या के प्रति दृढ़ता लोगों को सच्ची भक्ति और समर्पण का महत्व सिखाती है।

बाबा के तप की अद्वितीयता

Kosmanara Satyanarayan Baba puja : श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा की तपस्या और साधना की अद्वितीयता उनकी कठिन दिनचर्या और अनुशासन में निहित है। बाबा ने अपने जीवन को पूरी तरह से भगवान भोलेनाथ की सेवा और तपस्या में समर्पित कर दिया है। वह हर मौसम में खुले में तपस्या करते हैं, चाहे वह गरजते बादल हों, तेज धूप हो या कड़कड़ाती ठंड। उनकी तपस्या की यह कठिनाई और उनका समर्पण उन्हें एक अद्वितीय साधक बनाता है।

श्री श्री 108 श्री सत्यनारायण बाबा धाम, कोसमनारा में आस्था का यह केंद्र न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक प्रेरणादायक स्थान भी है, जहां श्रद्धालु बाबा के तप और साधना से प्रेरित होते हैं और अपने जीवन में सच्ची भक्ति और समर्पण का महत्व समझते हैं। बाबा की तपस्या और उनकी साधना ने इस बंजर भूमि को एक पवित्र तीर्थ स्थल में परिवर्तित कर दिया है, जहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में आकर भगवान भोलेनाथ और बाबा सत्यनारायण के दर्शन करते हैं।

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