Income tax return process : जानें कब मिलेगा रिफंड का पैसा और पूरी प्रोसेस
Income tax return process : आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद, आयकरदाता अपने रिफंड का इंतजार करते हैं। अगर आपने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया है और अब रिफंड की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो जान लें कि आपको ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। विभाग ने रिटर्न प्रोसेस को काफी तेज कर दिया है। अब रिटर्न प्रोसेसिंग के बाद आयकरदाता का रिफंड उसके खाते में 15 से 45 दिनों के भीतर ही जमा हो जाता है। हालांकि, इसके लिए वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
रिटर्न का वेरिफिकेशन अनिवार्य
Income tax return process : आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद, केवल रिटर्न फाइल करने से आपको रिफंड नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) को वेरीफाई करना होगा। वेरीफिकेशन के बिना, आयकर विभाग रिटर्न को प्रोसेस नहीं करता है। टैक्सपेयर ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से आईटीआर को वेरीफाई कर सकते हैं। इसे ई-वेरिफिकेशन कहा जाता है, जो एक सरल और त्वरित प्रक्रिया है।
आईटीआर वेरीफिकेशन के तरीके
Income tax return process : आईटीआर वेरीफिकेशन के लिए कुछ मुख्य तरीके हैं:
- आधार ओटीपी: आप अपने आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग करके आईटीआर वेरीफाई कर सकते हैं।
- नेट बैंकिंग: कई बैंक नेट बैंकिंग सुविधा प्रदान करते हैं जिसके माध्यम से आप अपने आईटीआर को वेरीफाई कर सकते हैं।
- डीमैट अकाउंट: डीमैट अकाउंट का उपयोग करके भी आईटीआर वेरीफाई किया जा सकता है।
- ई-वेरिफिकेशन कोड (ईवीसी): यह कोड आपके बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट या आधार के माध्यम से जेनरेट किया जा सकता है।
रिफंड पाने की प्रक्रिया
Income tax return process : आयकर रिटर्न में टैक्सपेयर द्वारा पूरे साल के दौरान हुई टैक्स की कटौती और भुगतान की जानकारी दी जाती है। यदि आपने अपनी देनदारी से अधिक टैक्स जमा किया है, तो आप रिफंड क्लेम कर सकते हैं और अधिक दिया हुआ पैसा वापस प्राप्त कर सकते हैं। आयकर विभाग रिटर्न का वेरिफिकेशन करता है और यदि क्लेम की जानकारी फॉर्म-16 में दर्ज है, तो प्रोसेस में ज्यादा समय नहीं लगता। लेकिन अगर फॉर्म-16 में जानकारी अपडेट नहीं है, तो प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है।
रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के टिप्स
- सही जानकारी दें: रिटर्न फाइल करते समय, सुनिश्चित करें कि सभी जानकारी सही और अद्यतित है।
- फॉर्म-16 का सही उपयोग: फॉर्म-16 में सभी आवश्यक विवरण भरें और इसे सही तरीके से प्रस्तुत करें।
- समय पर वेरीफिकेशन: आईटीआर फाइल करने के बाद तुरंत वेरीफिकेशन करें। यह प्रोसेसिंग को तेज करता है।
- ई-फाइलिंग: ई-फाइलिंग के माध्यम से रिटर्न दाखिल करना पारंपरिक तरीके से अधिक तेज और सुरक्षित है।
रिफंड स्टेटस कैसे चेक करें
Income tax return process : रिफंड स्टेटस जानने के लिए आप आयकर विभाग की वेबसाइट या अपने बैंक के नेट बैंकिंग पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने पैन नंबर और असेसमेंट ईयर की जानकारी देनी होगी। वहां से आपको अपने रिफंड की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
देरी होने पर क्या करें
यदि रिफंड में देरी हो रही है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- रिफंड री-इश्यू रिक्वेस्ट: आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर रिफंड री-इश्यू के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
- ग्रिवांस रेजिस्टरेशन: यदि बहुत अधिक समय हो गया है, तो आप आयकर विभाग के ग्रिवांस पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- कॉल सेंटर संपर्क: आप आयकर विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके अपनी समस्या का समाधान पा सकते हैं।
निष्कर्ष
Income tax return process : आयकर रिटर्न का प्रोसेस अब पहले से काफी तेज और सरल हो गया है। अगर आप सही तरीके से रिटर्न फाइल और वेरीफाई करते हैं, तो आपको 15 से 45 दिनों के भीतर ही रिफंड मिल सकता है। सही जानकारी और समय पर वेरीफिकेशन करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, जब भी आप रिटर्न फाइल करें, इन सभी बातों का ध्यान रखें ताकि आपका रिफंड जल्दी से जल्दी आपके खाते में आ जाए। आयकर विभाग द्वारा दी गई सभी सुविधाओं का लाभ उठाएं और सुनिश्चित करें कि आप किसी भी परेशानी का सामना न करें।