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छत्तीसगढ़ Lok Sabha Chunav 2024: आदिवासी सीटों पर भाजपा का दबदबा, चार एसटी सीटों पर जीत

Lok Sabha Chunav 2024 : छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर भाजपा का दबदबा, चार ST सीटों पर BJP ने दर्ज की जीत

Lok Sabha Chunav 2024 : छत्तीसगढ़ में 2024 के लोकसभा चुनावों के नतीजे सामने आ चुके हैं, और आदिवासी बहुल इस प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से चार आरक्षित एसटी सीटों पर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना दबदबा कायम किया है। प्रदेश की राजनीति में यह नतीजे खास महत्व रखते हैं, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में, जहां भाजपा की पकड़ मजबूत होती जा रही है।

बस्तर की सीट पर कांग्रेस को झटका

Lok Sabha Chunav 2024 : 2024 के लोकसभा चुनावों में बस्तर की आदिवासी सीट भी कांग्रेस नहीं बचा पाई। पिछले 25 वर्षों के चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो आदिवासी सीटों पर भाजपा का दबदबा बना हुआ है। इस बार भी आदिवासी सीटों पर राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी थीं, और भाजपा ने सरगुजा, रायगढ़, बस्तर और कांकेर की चार आदिवासी सीटों पर जीत दर्ज की।

सरगुजा

Lok Sabha Chunav 2024 : सरगुजा की स्थिति पर गौर करें तो यहां वर्ष 2004 से भाजपा जीत दर्ज करती आ रही है। 2024 में भी भाजपा के चिंतामणि महाराज ने इस परचम को बुलंद रखा। इससे पहले 2019 में रेणुका सिंह सरुता ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2004 में नंद कुमार साय ने कांग्रेस के खेलसाय सिंह को हराया था, और तब से यह सीट भाजपा के कब्जे में है।

रायगढ़

रायगढ़ में 1999 से भाजपा को लगातार जीत मिल रही है। 2024 में राधेश्याम राठिया ने भाजपा के पक्ष में इस जीत को बरकरार रखा। इससे पहले 2019 में गोमती साय ने लालजीत सिंह राठिया को हराया था। विष्णुदेव साय ने 1999, 2004, 2009 और 2014 में यहां से जीत हासिल की थी।

बस्तर

Lok Sabha Chunav 2024 : बस्तर में 1999 से 2014 तक भाजपा का वर्चस्व रहा, लेकिन 2019 में कांग्रेस के दीपक बैज ने यहां से जीत दर्ज की थी। 2024 में महेश कश्यप ने भाजपा के लिए इस सीट को वापस जीत लिया। 1999 से 2014 तक बलीराम कश्यप और उनके बाद दिनेश कश्यप ने यहां से भाजपा की जीत को सुनिश्चित किया था।

कांकेर

कांकेर में कांग्रेस को अभी भी जीत का इंतजार है। यहां 1999 से भाजपा का फूल खिलता रहा है। 2024 में भोजराज नाग ने भाजपा की जीत को कायम रखा। 2019 में मोहन मंडावी ने बीरेश ठाकुर को हराया था। 1999 से 2009 तक सोहन पोटाई और 2014 में विक्रम उसेंडी ने यहां से भाजपा को जीत दिलाई थी।

कांग्रेस को आदिवासी सीटों पर जीत की तलाश

चार आदिवासी सीटों पर कांग्रेस को बस्तर में 2019 में एकमात्र जीत मिल पाई थी, जबकि सरगुजा में 1999 में खेलसाय सिंह कांग्रेस के आखिरी सांसद थे। कांग्रेस के लिए आदिवासी सीटों पर जीत हासिल करना अब भी एक बड़ी चुनौती है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत किया गया, जिसका असर भी लोकसभा चुनाव परिणामों पर देखा गया।

आदिवासी सीटों के परिणामों पर एक नजर

सरगुजा
  • 1999: खेलसाय सिंह (कांग्रेस) – 51.31%, निकटतम प्रतिद्वंदी: लारंग साय
  • 2004: नंद कुमार साय (भाजपा) – 52.77%, निकटतम प्रतिद्वंदी: खेलसाय सिंह
  • 2009: मुरारीलाल सिंह (भाजपा) – 51.73%, निकटतम प्रतिद्वंदी: भानुप्रताप सिंह
  • 2014: कमलभान सिंह मराबी (भाजपा) – 50.63%, निकटतम प्रतिद्वंदी: राम देव राम
  • 2019: रेणुका सिंह सरुता (भाजपा) – 53.04%, निकटतम प्रतिद्वंदी: खेलसाय सिंह
  • 2024: चिंतामणि महाराज (भाजपा) – निकटतम प्रतिद्वंदी: शशि सिंह
रायगढ़
  • 1999: विष्णुदेव साय (भाजपा) – 48.46%, निकटतम प्रतिद्वंदी: पुष्पा देवी सिंह
  • 2004: विष्णुदेव साय (भाजपा) – 50.75%, निकटतम प्रतिद्वंदी: रामपुकार सिंह
  • 2009: विष्णुदेव साय (भाजपा) – 47.44%, निकटतम प्रतिद्वंदी: हृदयराम राठिया
  • 2014: विष्णुदेव साय (भाजपा) – 54.40%, निकटतम प्रतिद्वंदी: हृदयराम राठिया
  • 2019: गोमती साय (भाजपा) – 49.34%, निकटतम प्रतिद्वंदी: लालजीत सिंह राठिया
  • 2024: राधेश्याम राठिया (भाजपा) – निकटतम प्रतिद्वंदी: मेनका देवी सिंह
Indian male voter hand with voting ink sign of vote
बस्तर
  • 1999: बलीराम कश्यप (भाजपा) – 43.58%, निकटतम प्रतिद्वंदी: महेंद्र कर्मा
  • 2004: बलीराम कश्यप (भाजपा) – 47.27%, निकटतम प्रतिद्वंदी: महेंद्र कर्मा
  • 2009: बलीराम कश्यप (भाजपा) – 44.26%, निकटतम प्रतिद्वंदी: शंकर सोढ़ी
  • 2014: दिनेश कश्यप (भाजपा) – 52.77%, निकटतम प्रतिद्वंदी: दीपक कर्मा
  • 2019: दीपक बैज (कांग्रेस) – 46.20%, निकटतम प्रतिद्वंदी: बैदूराम कश्यप
  • 2024: महेश कश्यप (भाजपा) – निकटतम प्रतिद्वंदी: कवासी लखमा
कांकेर
  • 1999: सोहन पोटाई (भाजपा) – 55.39%, निकटतम प्रतिद्वंदी: छबीला अरविंद नेताम
  • 2004: सोहन पोटाई (भाजपा) – 49.51%, निकटतम प्रतिद्वंदी: गंगा पोटाई ठाकुर
  • 2009: सोहन पोटाई (भाजपा) – 45.98%, निकटतम प्रतिद्वंदी: फूलोदेवी नेताम
  • 2014: विक्रम उसेंडी (भाजपा) – 47.23%, निकटतम प्रतिद्वंदी: फूलोदेवी नेताम
  • 2019: मोहन मंडावी (भाजपा) – 48.23%, निकटतम प्रतिद्वंदी: बीरेश ठाकुर
  • 2024: भोजराज नाग (भाजपा) – निकटतम प्रतिद्वंदी: बीरेश ठाकुर

राजनीतिक विश्लेषण

छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर भाजपा की जीत यह दर्शाती है कि पार्टी ने अपनी रणनीति और संगठन को मजबूत किया है। आदिवासी मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत करने का कदम भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वहीं, कांग्रेस को इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए अधिक मेहनत की जरूरत है।

आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा की लगातार जीत से यह साफ होता है कि पार्टी ने जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत की है। इसके अलावा, भाजपा ने स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और आदिवासी समुदाय के विश्वास को जीतने में सफल रही। कांग्रेस को अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और आदिवासी क्षेत्रों में अधिक सक्रिय होकर काम करना होगा।

निष्कर्ष

2024 के लोकसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ की आदिवासी सीटों पर भाजपा का दबदबा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। चार आरक्षित एसटी सीटों पर भाजपा की जीत यह दिखाती है कि पार्टी ने आदिवासी समुदाय के बीच अपनी पकड़ को मजबूत किया है। कांग्रेस को इन क्षेत्रों में अपनी स्थिति सुधारने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। भाजपा की यह जीत प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत देती है, और आने वाले चुनावों में भी इसका प्रभाव देखा जा सकता है।

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