राष्ट्रीय
Trending

जानिए क्या होगा जब NOTA को मिले ‘Jeet’।

NOTA को मिल जाए ‘Jeet ’: AAP और शिरोमणि अकाली दल प्रत्याशी को नकार चुकी है जनता, जानें पूरा किस्सा

NOTA : साल 2018 के दिसंबर महीने में, हरियाणा के पांच जिलों में नगर निगम चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में कुछ वार्डों में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले और यहाँ फिर से चुनाव कराया गया था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार देश में मतदाताओं को NOTA का अधिकार मिला था। इस व्यवस्था के तहत, मतदाता को यदि कोई प्रत्याशी पसंद नहीं आता है तो वह NOTA का विकल्प चुन सकता है। हरियाणा एक ऐसा राज्य हैं, जहां चुनावों में NOTA की भी जीत हो चुकी है, यानी जनता ने सभी दलों के प्रत्याशियों को सिरे से नकार दिया है।

हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में NOTA का विकल्प छुपा रुस्तम साबित हो चुका है।

NOTA के कारण आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल जैसे दलों के प्रत्याशी को भी मात मिली है। इसके अलावा 80 फीसदी से अधिक निर्दलीय प्रत्याशियों को भी पटखनी मिली है। साल 2014 में जब पहली बार NOTA लागू किया गया था तो लोकसभा चुनाव के दौरान 34220 लोगों को कोई प्रत्याशी पसंद नहीं आया था।हरियाणा में मतदाता NOTA को ज्यादा तरजीह देते हैं। ये आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा के अंबाला में 7816 मतदाताओं ने किसी भी उम्मीदवार को काबिल नहीं माना और NOTA का विकल्प चुना। इसी कड़ी में दूसरे स्थान पर रोहतक रहा, जहां 4932 वोटरों ने नोटा को चुना। तीसरे स्थान सिरसा रहा। इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो कुल 41 हजार 781 मतदाताओं ने NOTA को चुना।

NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिलने पर फिर से चुनाव कराने का प्रावधान है।

हरियाणा इस मामले में भी पीछे नहीं है। साल 2018 के दिसंबर महीने में, हरियाणा के पांच जिलों में नगर निगम चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में कुछ वार्डों में NOTA को सबसे ज्यादा वोट मिले और यहाँ फिर से चुनाव कराया गया था। यहाँ आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल जैसे दलों के प्रत्याशियों को भी जनता ने सिरे से नकार दिया था। चुनाव के दौरान मतदाता को यदि ऐसा लगता है कि सभी उम्मीदवार काबिल नहीं हैं और उसे कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं आता है तो NOTA का बटन दबाकर विरोध दर्ज करा सकते हैं। 2013 में, भारत सरकार बनाम पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज मामले में सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जनता को मतदान के लिए NOTA का विकल्प उपलब्ध कराया गया था

ALSO READ THIS:

https://dprcg.gov.in/

Embracing Environmental Conservation: Making a Difference with Renewable Energy

raipurdarshan

रायपुर दर्शन डिजिटल न्यूज़ चैनल का एक ऐसा माध्यम है जिसमे छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश दुनियां की सारी खबरे एक ही प्लेटफार्म में देखने मिलेंगी। हमारा उद्देश्य बदलते छत्तीसगढ़ ,नक्सलवाद का खात्मा करता छत्तीसगढ़ ,शिक्षा का अलख जगाता छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश दुनियां में सांस्कृतिक धरोहर को बेहतर मुकाम पर दिखाना है।

raipurdarshan

रायपुर दर्शन डिजिटल न्यूज़ चैनल का एक ऐसा माध्यम है जिसमे छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश दुनियां की सारी खबरे एक ही प्लेटफार्म में देखने मिलेंगी। हमारा उद्देश्य बदलते छत्तीसगढ़ ,नक्सलवाद का खात्मा करता छत्तीसगढ़ ,शिक्षा का अलख जगाता छत्तीसगढ़ के साथ साथ देश दुनियां में सांस्कृतिक धरोहर को बेहतर मुकाम पर दिखाना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button