छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: ACB-EOW जांच में 50 कोयला कारोबारियों की पूछताछ, 15 से अधिक को नोटिस!
छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला के मामले में अब कोयला व्यापारियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीम जांच के दायरे में आ गई है। 2020 से 2022 तक कुल मिलाकर 540 करोड़ रुपये की अवैध लेवी वसूली गई है। व्यापारियों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। अब तक 15 से अधिक व्यापारियों को नोटिस भेज दिया गया है। उन्हें जल्द ही बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा।
ACB-EOW : ACB जांच में बीते कुछ वर्षों में कोल लिफ्टिंग और डिलीवरी आर्डर पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। इसी आधार पर अब व्यापारियों से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही, कोल घोटाले में जेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया से भी आज से पूछताछ शुरू की जाएगी।
विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जिन कारोबारियों की सूची तैयार की गई है, उसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के कोयला व्यापारियों के नाम शामिल हैं। इन व्यापारियों को विभिन्न कोल माइंस से जोड़ा गया है। ACB-EOW ने कुसमुंडा कोल माइंस, दीपका कोल माइंस, गेवरा कोल माइंस, गायत्री कोल माइंस, और आमगांव कोल माइंस जैसे विभिन्न माइनिंग क्षेत्रों से जुड़े कारोबारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है।
ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ACB-EOW जांच कर रही है। इसमें प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन पर ईओडब्ल्यू ने 40 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
अब तक जिन पर एफआईआर दर्ज की गई हैं, उनमें विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, और अन्य कई प्रमुख नेताओं के नाम शामिल हैं।
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