Bhilai, छत्तीसगढ़ के एक उद्योग नगर, अपने मैत्री बाग के माध्यम से अपनी वन्य जीवनस्पर्श बढ़ाने के प्रयासों के लिए प्रसिद्ध है। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित मैत्री बाग, जो एक उच्च गुणवत्ता के वन्य जीवनस्पर्श को बढ़ावा देने के लिए अपने योगदान को जारी रख रहा है। यहां की अद्वितीय शानदारी में उसकी सफेद बाघिन रक्षा ने अपने संरक्षण के प्रयासों के माध्यम से संदर्भित उत्तर देशभर में एक प्रमुख नाम बनाया है। अब, भिलाई के मैत्री बाग द्वारा लाई गई रक्षा, जो रायपुर जंगल सफारी में अपनी संतानों के साथ जुड़ी हुई है, उनके बाघों के कुनबे को और भी बढ़ाएगी।
Bhilai : मैत्री बाग के प्रयासों का उद्देश्य वन्य जीवन के संरक्षण और संवर्धन में सफलता की ओर प्रवृत्ति करना है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, रक्षा को रायपुर जंगल सफारी में ले जाया गया है, जहां उसकी संतानों को एक सुरक्षित और प्रिय आवास मिलेगा। इसी तरह, रायपुर जंगल सफारी के माध्यम से अब रक्षा का परिवार विस्तारित होगा, जो उसके पूर्वी जीवन के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Bhilai : जया, एक और सफेद बाघिन, अब मैत्री बाग में ध्वनित होगी। उसकी दहाड़ ने मैत्री बाग के वातावरण में एक नया ऊर्जा का संचार किया है। वन्य जीवन के लिए आवास के अद्वितीयता और जेनेटिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए, जया जैसी प्रजातियों को प्रारंभिक संरक्षण का अवसर प्रदान करती है।
मैत्री बाग के योजनाओं के तहत, रक्षा और जया का आदान-प्रदान गुरुवार को हुआ। इस प्रक्रिया के दौरान, उनकी सुरक्षा को अत्यधिक महत्व दिया गया और उनका स्वास्थ्य जांचा गया। बीएसपी के अधिकारियों की उपस्थिति ने इस प्रक्रिया को और भी प्रासंगिक बनाया।
Bhilai : मैत्री बाग में सफेद बाघों की संख्या पहले नौ थी, और अब भी उसी संख्या का बनावट है। इसे बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहा गया है, लेकिन यह एक निरंतर प्रक्रिया है और इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करते रहना होगा।
रक्षा ने छह महीने पहले तीन शावकों को जन्म दिया था, जो मैत्री बाग उद्यान विभाग प्रबंधन के अनुसार एक अत्यधिक संख्या में नन्हे बच्चों का आगमन दिखाते हैं। ये शावक सुल्तान के संतान हैं, जो एक प्रमुख स्थान हैं उसकी प्रजाति में।
एक साल पहले, बाघिन रोमा ने भी एक छोटे बच्चे को जन्म दिया था, जिसके पिता भी सुल्तान थे। यह बाघिन और उसका संतान भी मैत्री बाग के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण योगदान के साथ हैं, जो इसे एक प्रमुख बाघ संरक्षण केंद्र बनाने के मार्ग में आगे बढ़ाएगा।
इस प्रकार, Bhilai उद्योग नगर के मैत्री बाग के माध्यम से वन्य जीवन के संरक्षण और संवर्धन के प्रयासों को समझा जा सकता है। रक्षा और जया जैसी प्रमुख सफेद बाघिनों के आगमन ने उसकी महत्वपूर्ण भूमिका को और भी मजबूत बनाया है, जो वन्य जीवन के संरक्षण में एक नई उम्मीद का संकेत है।
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