सीरिया के भूकंप में बची ‘चमत्कारी बच्ची’ का क्या हुआ?
Updates : 7 August 2023, 07:42 PM IST
छह महीने पहले सीरिया में आए भूकंप में ज़िंदा बचने वाली बच्ची आफ़रा
आज से क़रीब छह महीने तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप में हज़ारों लोगों की मौत हुई थी. लेकिन सीरिया के ज़िंदेरिस कस्बे में भूकंप में गिरी इमारतों के मलबे से एक नवजात बच्ची को ज़िंदा बचाया गया था. जब इस बच्ची को ज़िंदा बचाने का वीडियो सामने आया तो लोगों ने इसे किसी ‘चमत्कार’ से कम नहीं माना.
आज ये बच्ची छह महीने की हो गयी है. इसका नाम आफ़रा रखा गया है और ये ज़िंदेरिस कस्बे में ही अपने रिश्तेदारों के साथ रह रही है. बच्ची के अंकल ख़लील अल-सवादी ने कहा, “वो अभी बहुत छोटी है लेकिन उसकी मुस्कान मुझे उसके पिता और उसकी बहन की याद दिलाती है. वे अक्सर हमारे यहां आते थे. उसकी वजह से हमें कोई मुश्किल नहीं हो रही.”
कैसे बचाई गयी आफ़रा?
छह फ़रवरी को जब जिंदेरिस में विनाशकारी भूकंप आया तो उसके कुछ देर बाद ही आफ़रा की मां को लेबर पेन शुरू हुआ और उन्होंने अपने घर के मलबे में उसे जन्म दिया. हालांकि, राहत और बचावकर्मियों के आने से पहले ही उनकी मौत हो गई.
आफ़रा अपने अंकल ख़लील के साथ
अपने परिवार में आफ़रा इकलौती सदस्य है जो विनाशकारी भूकंप में बच गई. उसके पिता अबू रुदैना और उसके चार अन्य भाई – बहन समेत हादसे में कोई भी नहीं बच सका. ख़लील कहते हैं, “हमने देखा कि अबू रुदैना का घर ध्वस्त हो गया था. मेरी पत्नी चिल्ला रही थी – मेरा भाई मेरा भाई.”
ख़लील को अभी भी वो पल याद है जब उन्होंने आफ़रा को मलबे के नीचे से निकाला था. वो कहते हैं, “उनके ऊपर छत गिर गई थी. किसी ने मुझे बुलाया और कहा कि उन्हें एक महिला का शव मिला है. पहुंचते ही मैंने मलबा हटाना शुरू कर दिया, तभी मैंने एक आवाज़ सुनी.” “ये आवाज़ थी आफ़रा की, जो अभी तक अपनी मां से गर्भनाल से जुड़ी हुई थी. हमें लगा अब बचाया जा सकता है, हम जानते थे कि उस परिवार की वो आख़िरी याद है.”
इस बचाव अभियान का एक नाटकीय वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया और वायरल हो गया. बच्ची को अस्पताल ले जाया गया और शुरू में उसका नाम रखा गया आया, अरबी में जिसका मतलब चमत्कार होता है. जिस डॉक्टर ने इलाज किया, उसने बताया कि बच्ची को छोटी – मोटी चोटें लगी थीं और वो मुश्किल से सांस ले पा रही थी. छह महीने बाद अब उन जख़्मों के निशान ख़त्म हो गए हैं.