Updated Wed, 05 Jul 2023 10:10 PM IST
हक-हकूकधारी और स्थानीय लोगों ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की जलेरी अपने मूल स्थान से नीचे की ओर धंस रही है। वहीं, मंदिर के शीर्ष भाग में स्थापित गुंबद भी क्षतिग्रस्त हो रहा है और मंदिर का दक्षिण भाग झुक रहा है।
गोपीनाथ मंदिर
प्राचीन गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में पानी की निकासी बाधित होने से इसका प्रतिकूल प्रभाव शिवलिंग की जलेरी पर पड़ रहा है। मंदिर की जलेरी अपने मूल स्थान से नीचे की ओर धंस रही है। साथ ही मंदिर के शीर्ष भाग में स्थापित गुंबद भी क्षतिग्रस्त हो रहा है और मंदिर का दक्षिण भाग झुक रहा है, जिससे भविष्य में मंदिर को खतरा हो सकता है। हक-हकूकधारी व स्थानीय लोगों ने गोपीनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
जिलाधिकारी से मिले हक-हकूकधारी और स्थानीय लोगों ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग की जलेरी अपने मूल स्थान से नीचे की ओर धंस रही है। पुरातत्व विभाग की ओर से पूर्व से यहां मंदिर परिसर में निर्माण कार्य किए जा रहे रहे हैं वे उच्च अधिकारियों की देखरेख में नहीं हो रहे हैं जिससे अनुरक्षण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। साथ ही मंदिर परिसर में ऐसे निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं जो पुरातात्विक दृष्टिकोण से सही नहीं है।
उन्होंने मंदिर परिसर में स्थापित त्रिशूल के संरक्षण व गोपीनाथ मंदिर के संरक्षण के लिए पुरातत्व विभाग के विशेषज्ञ पुरातत्वविदों का पैनल बनाकर संयुक्त निरीक्षण कराने की मांग की। इधर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने कहा कि जल्द पुरातत्व विभाग व प्रशासन की टीम जल्द मंदिर का निरीक्षण करेगी। इस मौके पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष संदीप रावत, दीपक नेगी, हरीश भट्ट, चंडी प्रसाद तिवारी, महादेव भट्ट, प्रवीन भट्ट, दीपक भट्ट, मनीष नेगी, संजय आदि मौजूद रहे।
निर्माण पर उठाए सवाल
लोगों ने मंदिर के आसपास बिछाई सीवर लाइन पर भी सवाल उठाए। कहा कि सीवर लाइन का निर्माण मानकों के अनुसार नहीं हुआ है जिससे सीवर का रिसाव मंदिर तक हो रहा है। उन्होंने नमामि गंगे के तहत निर्मित सीवेज लाइन के निरीक्षण के लिए नमामि गंगे परियोजना के अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की।