White House: पीएम मोदी-जो बाइडन सशस्त्र ड्रोन सौदे की करेंगे घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार को भारत द्वारा खरीदे गए जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 रीपर सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर एक मेगा सौदे की घोषणा करेंगे।
विस्तार
पीएम मोदी इन दिनों अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं, यहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। वहीं पीएम मोदी की इस यात्रा पर कई घोषणाएं भी की जानी हैं, इसको लेकर व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार को भारत द्वारा खरीदे गए जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 रीपर सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर एक मेगा सौदे की घोषणा करेंगे।
चीनी सीमा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण रीपर ड्रोन
एमक्यू-9 रीपर ड्रोन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी तैनाती हिंद महासागर, चीनी सीमा के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। करीब 29 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे से भारत को 30 लड़ाकू ड्रोन मिलेंगे। इनमें से 14 नौसेना और आठ-आठ वायुसेना और सेना को मिलेंगे।
27 घंटे से अधिक समय तक हवा में रह सकता है
जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 रीपर ड्रोन दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है। यह मानव रहित हवाई वाहन 27 घंटे से अधिक समय तक 50,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। कैमरों, सेंसर और रडार प्रणाली से लैस यह खुफिया जानकारी एकत्र कर सकता है। इसकी खास बता यह है कि खतरों का पता लगाकर सतह से हवा में मार करने वाले हथियारों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकता है। इसमें 1746 किलोग्राम पेलोड क्षमता है, जिसमें 1361 किलोग्राम बाहरी भार शामिल हैं। इसी के साथ दुश्मन रडार को चकमा देखर घंटों हवा में निगरानी कर सकता है।
सशस्त्र ड्रोन समुद्र और उनकी सीमाओं के लिए महत्वपूर्ण
एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई को बताया कि इसके बारे में सुनकर काफी खुशी हो रही है। इस सौदे से भारत की आईएसआर क्षमता में काफी वृद्धि होने जा रही है, सशस्त्र ड्रोन समुद्र और उनकी सीमाओं के लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण और उपयोगी है। साथ ही बताया कि अमेरिका की तरफ से अन्य सौदों को लेकर भी पहल की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय ने 15 जून को दी थी सौदे को मंजूरी
15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक में जनरल एटॉमिक्स से हथियारबंद ‘हंटर-किलर’ रीपर ड्रोन की खरीद को मंजूरी दे दी गई। सशस्त्र बलों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए, विशेष रूप से चीन के साथ सीमा पर, सी गार्डियन प्रीडेटर ड्रोन लगभग तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से खरीदे जा रहे हैं।