60 साल की मेहनत से कम होगा श्वसन रोगों से मृत्यु का खतरा, दो वैक्सीन को माना जा रहा है वरदान
लोवर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन (एलआरआई) दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में दुनियाभर में इसके कारण 2.38 मिलियन लोगों की मौत हुई। हालांकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अब इस मृत्युदर को काफी कम किया जा सकेगा। लगभग 60 वर्षों के प्रयास के बाद, घातक श्वसन संक्रमण रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस या आरएसवी के लिए अब टीके उपलब्ध हैं। फूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने अमेरिका में पिछले महीने जीएसके कंपनी की एरेक्सवी और फाइडर की एब्रिस्वो वैक्सीन को मंजूरी दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल इन दोनों वैक्सीन को 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए मंजूरी दी गई है। इस आयुवर्ग वालों में श्वसन संक्रमण के कारण मौत का खतरा अधिक रहा है। वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि हमें उम्मीद है कि ये टीके गंभीर श्वसन रोगों और इसके कारण होने वाली मृत्युदर को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने वैक्सीन को बताया वरदान
संयुक्त राज्य अमेरिका में 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में आरएसवी वायरस के कारण ब्रोंकियोलाइटिस (फेफड़ों में छोटे वायुमार्ग की सूजन) और निमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण) का सबसे ज्यादा जोखिम देखा जाता रहा है। इसी माह 21 जून को सीडीसी की एक बैठक है जिसमें टीकों की उपलब्धता को लेकर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।