बावड़ी से सबसे पहले बाहर आए शख्स ने बताई आंखों देखी, कहा- आहुति दे रहे थे और धंस गई छत
आहुति दे रहे थे और धंस गई छत
Indore Accident
इंदौर में रामनवमी पर हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर पर बावड़ी की छत धंस गई।
इंदौर में रामनवमी पर हुए दर्दनाक हादसे में बावड़ी से सबसे पहले बाहर निकले शख्स ने घटना का पूरा आंखोंदेखा वर्णन किया है। हादसे में बाल बाल बचे ललित कुमार सेठिया ने बताया कि जब लोग आहुति दे रहे थे तभी स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर पर बावड़ी की छत धंस गई।
ललित कुमार सेठिया के अनुसार मंदिर में पूजा चल रही थी। हम सब लोग वहीं खड़े थे। यज्ञ चल रहा था तो किसी ने कहा कि आहुति डालो। जब हम आहुति डाल रहे थे, तभी भरभराकर बावड़ी का फर्श धंस गया। हम नीचे पानी में गिर गए। एक अनुमान के मुताबिक उस वक्त बावड़ी की छत पर 50 से 60 लोग मौजूद थे। बावड़ी में पानी-कीचड़ था, हम तो घबरा ही गए थे। कैसे बाहर आए भगवान ही जाने।
कार्यक्रम वहां नहीं करने का भी कहा था
सेठिया ने बताया कि हम वहां 15 साल से रह रहे हैं। मंदिर प्राचीन है। हम नीचे गिरे तो पानी ही पानी था। बहुत पानी था, गंदा था। सांस ही नहीं ले पा रहे थे। महिलाएं-बच्चे ज्यादा थे। एक दिन पहले किसी ने मना भी किया था कि वहां कार्यक्रम मत करो, पर होनी को कौन टाल सकता है। बेगुनाह मारे गए। मैं रोज मंदिर जाता हूं। आज भी गया था। मैं एक तरफ खड़ा था, इसलिए शायद बच गया। पुलिस प्रशासन की बचाव टीम ने जैसे ही रस्सी डाली तो सबसे पहले मैं ही बाहर आया।
मुख्यमंत्री ने दिए जांच के निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में पुरानी निजी बावड़ी के धंस जाने से व्यक्तियों की असामयिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि है यहघटना दुर्भाग्यपूर्ण है। अनेक प्रयासों के बाद कई नागरिकों को बचाया नहीं जा सका। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि घटना में दिवंगत लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की राहत राशि प्रदान की जाएगी। घायलों के नि: शुल्क उपचार के साथ 50 हजार प्रति घायल को राशि प्रदान की जाएगी।