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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा है
सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द कर दिया है. दरअसल, सूरत कोर्ट ने मानहानि मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी. कोर्ट के फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 के तहत ये फैसले लिया गया है. उधर, कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर शुक्रवार शाम इमरजेंसी बैठक बुलाई है.
बीजेपी ने केंद्र के फैसले को बताया ऐतिहासिक
राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस की. पीसी में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सूरत कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है. कोर्ट ने साबित किया है कि भारत की लोकतांत्रित व्यवस्था में कोई भी ऊपर नहीं है. कांग्रेस में बहुत बड़े-बड़े और नामी-गिरामी वकील हैं. एक ने तो यह कह भी दिया था कि सजा का ऐलान होते ही संसद की सदस्यता जाएगी. लेकिन कांग्रेस चाहती है कि गांधी परिवार पर कोई कार्रवाई न हो और उनके लिए अलग से IPC बनाई जाए.
सूरत कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने ‘मोदी सरनेम’ वाले बयान को लेकर दायर मानहानि के मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई. राहुल गांधी ने कर्नाटक में 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ये बयान दिया था. कोर्ट ने राहुल को 15000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया. इस दौरान राहुल गांधी ऊपरी अदालत में सजा को चुनौती दे सकते हैं. कोर्ट ने अपने 170 पेज के फैसले में कहा है कि आरोपी खुद सांसद (संसद सदस्य) हैं और सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद भी आचरण में कोई बदलाव नहीं आया.
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने कहा, शिकायतकर्ता ने गवाह के बयान, दस्तावेजी और इलेक्ट्रॉनिक सूबतों के आधार पर मामले को बिना किसी संदेह के साबित कर दिया है. कोर्ट ने कहा, ”शिकायत केवल इसलिए दर्ज नहीं की गई क्योंकि मोदी समाज या इससे जुड़े लोगों की मानहानि हुई, बल्कि इस वजह से कि शिकायतकर्ता ने शिकायत की, क्योंकि उन्हें इससे ठेस पहुंची है.”
कोर्ट ने फैसल में कहा, ”आरोपी ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके सरनेम को लेकर देश के आर्थिक अपराधी जैसे नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या से उनकी तुलना की. आरोपी यहां अपना भाषण रोक भी सकता था और इन्हीं लोगों की भाषण में चर्चा कर सकता था, लेकिन आरोपी ने इरादे के साथ मोदी सरनेम वाले वालों का अपमान करने के लिए अपने भाषण में कहा, ‘सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों होते हैं.”