ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि खुद रूस के पास अच्छे सैन्य उपकरण हैं, ऐसे में उसे ड्रोन भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता। इलाही ने कहा कि हालांकि ईरान के पास भी अच्छे सैन्य उपकरण हैं। ईरानी ड्रोन की दक्षता पर कोई संदेह नहीं है।
रूस और यूक्रेन की जंग
जंग मे ईरान ने रूस को लड़ाकू ड्रोन भेजकर मदद की है या नहीं, इस पर भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही का बड़ा बयान आया है। इराज इलाही ने अपने बयान में इस बात का खुलासा किया है कि यूक्रेन और रूस की जंग में ईरान ने रूस को जंगी ड्रोन की मदद की है या नहीं। ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि रूस और यूक्रेन में जंग की जग से शुरुआत हुई है, उसके बाद से कोई भी ड्रोन ईरान से रूस नहीं गया है।
ईरानी राजदूत इराज इलाही ने कहा कि खुद रूस के पास अच्छे सैन्य उपकरण हैं, ऐसे में उसे ड्रोन भेजने का प्रश्न ही नहीं उठता। इलाही ने कहा कि हालांकि ईरान के पास भी अच्छे सैन्य उपकरण हैं। ईरानी ड्रोन की दक्षता पर कोई संदेह नहीं है। ईरानी राजदूत ने कहा कि रूस के साथ हमारा सैन्य सहयोग अच्छा है, लेकिन युद्ध की शुरुआत के बाद से हमने रूस को कोई ड्रोन नहीं दिया।
जंग पर भारत की स्थिति स्पष्ट
इससे पहले ईरान के राजदूत इराज इलाही ने रूस और यूक्रेन जंग के बीच भारत की स्थिति पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हित का पालन कर रहा है और रूस की स्थिति का भारत को लाभ मिल रहा है। इस कड़ी में भारत को कोई दोष नहीं दे सकता है। उन्होंने बताया कि हमने सीखा है कि सैंक्शन यानी प्रतिबंधों से कैसे निपटा जाए। न केवल तेल के निर्यात में बल्कि पैसों के हस्तांतरण में भी। ईरानी राजदूत ने आगे कहा कि ईरान एक तेल उत्पादक देश है। इसलिए तेल हमारी अर्थव्यवस्था के लिए अहम है। ईरान पर पिछले कई सालों से कई देशों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं, बावजूद हमने तेल उत्पादों को बेचने के तरीके खोजे हैं।
ईरान और सऊदी अरब की दोस्ती
ईरानी राजदूत ने इस मामले पर आगे कहा कि हम भारत को हमेशा से तेल निर्यात करने को लेकर तत्पर हैं। लेकिन यह पूरी तरह भारत पर निर्भर कर रहा है। क्योंकि प्रतिबंध लगाए जाने वाले देशों की संख्या दिन पर दिन लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सभी देशों को यह सीखना चाहिए कि प्रतिबंधों के तहत कैसे रहा जाए और नए तरीकों से तेल उत्पादों का निर्यात किया जाए वरना वो अपनी रुचि खो देंगे। उन्होंने कहा कि ईरान और सऊदी अरब दोनों इस्लामी दुनिया के दो स्तंभ हैं और एशिया के पश्चिम में दो शक्तियां हैं।