मध्य प्रदेश

राजधानी बनी टीबी मरीजों का गढ़

भोपाल। मध्यप्रदेश में टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) तेजी से फैल रहा है। केंद्र सरकार ने 2025 तक इसे देशभर से खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए प्रदेश में 1.90 लाख टीबी मरीज खोजने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग 1.66 लाख मरीजों की ही पहचान कर सका है। अहम बात यह है  कि अब तक प्रदेश में सर्वाधिक टीबी के मरीज भोपाल में मिले हैं। भोपाल में इस रोग के मरीजों की संख्या 11768 है। इसी तरह से दूसरे नबंर पर इंदौर जैसा शहर है। तीसरे नंबर पर छतरपुर आता है। सबसे कम 608 मरीज निवाड़ी जिले में मिले हैं। सतना जिला 4680 मरीजों के साथ प्रदेश में 10वें पायदान पर है। हालांकि विभाग प्रदेश में लक्ष्य के मुकाबले 88 फीसदी मरीजों की ही पहचान कर सका है। अभियान के तहत जिलों में आबादी के अनुसार जनवरी से दिसंबर 2024 तक मरीजों को तलाशने का लक्ष्य दिया गया था।प्रदेश में 1.90 लाख टीबी मरीजों को तलाशने का लक्ष्य था, जिसमें से विभाग 1.66 लाख मरीजों की पहचान कर सका है। प्रदेश में लक्ष्य के मुकाबले अभी 12 फीसदी मरीजों तक महकमा नहीं पहुंच सका है। प्रदेश के सिर्फ दो जिले शिवपुरी में 110 प्रतिशत, बुरहानपुर में 109 प्रतिशत टीबी मरीज की पहचान की जा चुकी है।

टीबी पर नियंत्रण के लिए टीकाकरण जारी
प्रदेश के 26 जिलों में 18 वर्ष की उम्र से अधिक के चिन्हित लोगों को टीबी से बचाव के लिए सात मार्च से एडल्ट टीबी वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। इसमें भोपाल,आगर मालवा,अशोक नगर, बड़वानी, भिंड, हरदा, होशंगाबाद, जगलपुर,कटनी, मंडला, मुरैना, नरसिंहपुर, पन्ना,रायसेन, रतलाम, सतना, सीहोर, शहडोल, श्योपुर, सिंगरौली, टीकमगढ़ और उमरिया शामिल है।

News Desk

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