अंतराष्ट्रीय

Pakistan: इमरान खान के खिलाफ तोशखाना मामले में गैर जमानती वारंट जारी, दो मामलों में जमानत मिली

पाकिस्तान के एक कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ तोशखाना मामले में गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है। वहीं दो अन्य मामले में अदालन ने उन्हें जमानत दे दी है। इस दौरान कार्ट परिसर बाहर पूर्व प्रधानमंत्री के सैकड़ों समर्थकों ने अपने नेता को सपोर्ट करते हुए खूब हंगामा किया।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान ने लाहौर के जमां पार्क स्थित अपने आवास से इस्लामाबाद की यात्रा की और यहां संघीय राजधानी में तीन मामलों में पेश हुए।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशाखाना मामले में 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

अदालत ने खान के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया और अदालत के समक्ष पेश नहीं होने पर सुनवाई सात मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
इस मामले में उनकी अनुपस्थिति के कारण उनके अभियोग को पहले दो बार स्थगित किया गया था।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान उपहार खरीदने के लिए विवादों में रहे हैं, जिसमें एक महंगी ग्रैफ कलाई घड़ी भी शामिल है, जिसे उन्होंने तोशखाना नामक राज्य डिपॉजिटरी से रियायती मूल्य पर प्रधानमंत्री के रूप में प्राप्त किया था और उन्हें लाभ के लिए बेच दिया था।

पूर्व क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को हालांकि प्रतिबंधित फंडिंग मामले में आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) और बैंकिंग अदालत ने जमानत दे दी क्योंकि इन मामलों में वह यहां न्यायिक परिसर में पेश हुए थे। इस दौरान बड़ी संख्या में पूर्व पीएम के समर्थक कोर्ट परिसर में मौजूद रहे।

इस बीच, एटीसी के न्यायाधीश रजा जावेद ने खान को नौ मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी। इस्लामाबाद पुलिस ने तोशाखाना मामले के जवाब में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में खान और पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया था।

संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पिछले साल अक्टूबर में इस्लामाबाद स्थित एक बैंकिंग अदालत में खान और पीटीआई के अन्य नेताओं के खिलाफ कथित तौर पर प्रतिबंधित धन प्राप्त करने का मामला दर्ज किया था।

पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने पिछले साल पार्टी को यह छिपाने का दोषी पाया था कि उसे धन मिला था और खान को अयोग्य भी ठहराया था।

पीटीआई से अलग हुए संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने वर्ष 2014 में ईसीपी में प्रतिबंधित वित्तपोषण का मामला दायर किया था।

बता दें कि इमरान खान पिछले साल नवंबर में पंजाब के वजीराबाद इलाके में अपनी रैली में हत्या के प्रयास में घायल होने के बाद से किसी भी सुनवाई में शामिल नहीं हुए हैं। हत्या के प्रयास के दौरान गोली लगने के बाद इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने खान को अंतरिम जमानत दी थी। तब से उन्हें चिकित्सा कारणों से उनकी जमानत पर विस्तार मिला है।

इमरान खान को उनके नेतृत्व में अविश्वास मत हारने के बाद अप्रैल में सत्ता से बाहर कर दिया गया था, उसके बाद उन्होंने आरोप लगाया था कि यह प्रकरण रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के फैसलों के कारण उन्हें निशाना बनाने वाली अमेरिका के नेतृत्व वाली साजिश का हिस्सा था। बता दें कि वर्ष 2018 में सत्ता में आए पीटीआई प्रमुख संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए अपदस्थ होने वाले एकमात्र पाकिस्तानी प्रधानमंत्री हैं।

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