राष्ट्रीय

बिहार में कांग्रेस की 6 सीटें जीतने पर घमासान, INDIA गठबंधन के नेताओं ने कसा तंज

मुंबई 
BMC यानी बृह्नमुंबई महानगरपालिका चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी में खटपट शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (UBT) ने बिहार चुनाव का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि बिहार के चुनाव में राज ठाकरे नहीं थे, तो भी कांग्रेस ने खराब प्रदर्शन किया। खास बात है कि 61 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ रही कांग्रेस 6 पर सिमट गई थी। खास बात है कि शिवसेना (यूबीटी) की तरफ से यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने की बात कही है। फिलहाल, चुनाव की तारीख तय नहीं है।

बिहार चुनाव प्रदर्शन पर कसा तंज
सामना में प्रकाशित संपादकीय के अनुसार, 'कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने घोषणा की है कि वह मुंबई महानगरपालिका चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। बिहार के नतीजों के बाद कांग्रेस पार्टी में जो आत्मविश्वास पैदा हुआ है, उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। कांग्रेस एक स्वतंत्र पार्टी है। महाविकास आघाडी में वह एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है। इसलिए उसे समय-समय पर राष्ट्रीय पार्टी होने का तेवर दिखाना पड़ता है। मुंबई महानगरपालिका चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने की घोषणा उनका अपना मुद्दा है।'

मनसे का नाम लेकर घेरा
आगे कहा गया, 'कांग्रेस का कहना है कि शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एक साथ आ रही हैं। चूंकि मनसे इंडिया गठबंधन या महाविकास आघाडी का हिस्सा नहीं है इसलिए कांग्रेस राज ठाकरे से हाथ नहीं मिला सकती। कांग्रेस को लगता है कि अगर राज ठाकरे साथ आते हैं तो कांग्रेस को झटका लगेगा। बिहार चुनाव में शिवसेना या राज ठाकरे नहीं थे। फिर भी कांग्रेस को दारुण पराजय का सामना करना पड़ा। मुंबईकर कांग्रेसियों का इस बारे में क्या कहना है?'

'सिर्फ कांग्रेस नहीं करती संविधान की चिंता'
लेख में कहा गया, 'मुंबई कांग्रेस की नेता सांसद वर्षा गायकवाड कहती हैं, ‘हम देश के संविधान का सम्मान करनेवाला समूह हैं। कुछ दल लगातार मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने की बात करते हैं। यह हमारी संस्कृति के अनुकूल नहीं है।’ श्रीमती गायकवाड ने कांग्रेसी संस्कृति का जो लेखा-जोखा पेश किया है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेस ही संविधान की चिंता करती है और बाकी दल चुप बैठे हैं।'

मुस्लिम वोटर दूर होने का दावा
शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन में राज ठाकरे भी साथ थे। पार्टी ने सवाल किया कि इसमें वामपंथी दल और कांग्रेस भी साथ थे, 'दरअसल, वामपंथी दल को इस बात से लेकर ज्यादा नाराजगी रहती है। लेकिन उन्हें राज ठाकरे और उनकी पार्टी की भागीदारी पर कोई आपत्ति नहीं दिख रही है। फिर मुंबई के राष्ट्रीय कांग्रेस के नेताओं के मन में ‘स्वतंत्र’ विचार क्यों आ रहे हैं?'

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दल का कहना है, 'कांग्रेस को डर है कि उत्तर भारतीय और मुस्लिम मतदाता हमसे दूर हो जाएंगे। मुस्लिम समुदाय ने लोकसभा और विधानसभा में महाविकास आघाडी को वोट दिया। कोरोना काल में उद्धव ठाकरे ने जाति-धर्म की परवाह किए बिना जो मदद की, उसका नतीजा यह हुआ कि मुसलमानों के वोट शिवसेना को मिले और कांग्रेस चाहे जितना भी डरे, मुसलमानों के ये वोट शिवसेना सहित महाविकास के ही पास आते रहेंगे हमें पूरा विश्वास है। कांग्रेस को मुंबई के मुसलमानों और उत्तर भारतीयों की चिंता नहीं करनी चाहिए….।'

साथ चुनाव लड़ने की अपील
शिवसेना (यूबीटी) के मुताबिक, खैर, आप मुंबई में स्वतंत्र रूप से लड़ेंगे। फिर बाकी सत्ताईस महानगरपालिकाओं का क्या? क्या आप वहां भी ‘एकला चलो रे’ की भूमिका निभाते रहेंगे? ऐसा नहीं लगता। समझदारी इसी में है कि सभी मराठीजन महाराष्ट्र धर्म के रूप में एक साथ आएं और भाजपा के अडानी-शाह के खिलाफ यलगार करें। महाराष्ट्र का हित इसी में है। संयुक्त महाराष्ट्र की लड़ाई में कांग्रेस ने जो किया वो इस बार न करे…।

 

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button