बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर पीएम मोदी की युवाओं से अपील, राष्ट्रपति जी का आलेख पढ़ें…..
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर सभी को बधाई दी। राष्ट्रपति मुर्मू ने जयंती के वर्ष भर चलने वाले समारोह की शुरुआत की घोषणा भी की। राष्ट्रपति ने कहा कि सभी साथी नागरिकों की ओर से मैं भगवान बिरसा मुंडा की पवित्र स्मृति को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
राष्ट्रपति ने इसी के साथ बिरसा मुंडा पर एक आलेख भी लिखा, जिसका जिक्र पीएम मोदी ने भी किया। पीएम मोदी ने कहा भगवान बिरसा मुंडा जी के आदर्श न केवल जनजातीय, बल्कि देश के सभी समुदायों के युवाओं के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत हैं। उनकी 150वीं जन्म-जयंती पर माननीय राष्ट्रपति जी का ये आलेख हम सभी को जरूर पढ़ना चाहिए…
राष्ट्रपति ने और क्या कहा
पोस्ट में मुर्मु ने कहा, "मैं देख रही हूं कि आदिवासी गौरव और संविधान के आदर्शों के लिए पूरे देश में एक नई चेतना फैल रही है। यह चेतना कार्य में परिवर्तित हो रही है। यह भावना आदिवासी समाज सहित पूरे देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव बनेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उलिहातू यात्रा को याद करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, "पिछले साल 'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर मोदी जी ने भी उलिहातू का दौरा किया था और भगवान बिरसा मुंडा का आशीर्वाद लिया था। वह किसी भी प्रधानमंत्री की उलिहातू की पहली यात्रा थी। इससे आदिवासी समाज के लोग बहुत खुश हुए थे। उसी दिन झारखंड से 'पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महा-अभियान' यानी पीएम-जनमन की शुरुआत की गई थी।"
आठवीं अनुसूची में 'संथाली' को शामिल करने पर जताई खुशी
संविधान की आठवीं अनुसूची में 'संथाली' को शामिल करने पर राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आदिवासी भाषा 'संथाली' को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के प्रयासों में मैंने भी योगदान दिया है। यह आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में संभव हुआ।