छत्तीसगढ़

15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन पर प्रतिबंध, बंद रेत घाटों से दो साल से हो रहा उत्खनन

जांजगीर – चांपा

रेत घाटों में चार महीने से लगा प्रतिबंध आज से हट जाएगा। इससे रेत की किल्लत कुछ हद दूर होगी। हालांकि चार महीने के प्रतिबंध के दौरान भी रेत माफिया रेत उत्खनन और परिवहन करते रहे। हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के रेत घाटों से प्रतिदिन धड़ल्ले से दिन रात उत्खनन जारी है।

जिले में केवल पांच रेत घाट ही खनिज विभाग के रिकार्ड में अभी संचालित है। जबकि आठ रेत घाट और शुरू करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहीं जिले के जो नौ रेत घाट दो साल से बंद हैं,उन रेत घाटों से भी बड़े पैमाने पर उत्खनन और परिवहन हो रहा है। ऐसे में उन रेत घाटों को भी फिर से शुरू करने का प्रयास किया जाएगा, क्योंकि ये जिले के बड़े रेत घाट हैं। जिले के पीथमपुर, हथनेवरा, शिवरीनारायण, तनौद, देवरघटा, बसंतपुर, किकिरदा, बलौदा क्षेत्र के रेतघाटों का ठेका दो साल पहले समाप्त हो चुका है। अभी केवल घुठिया, लछनपुर , बरबसपुर, चांपा और नवागांव सहित पांच रेत घाट ही वैध हैं। जबकि बंद रेत घाटों से भी अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य पिछले दो वर्षों से रेत माफिया कर रहे हैं।

बिना रायल्टी के नदियों का सीना चीरकर रेत खनन
क्षेत्र के रेत माफिया एक साल से बिना रायल्टी के नदियों का सीना चीरकर रेत खनन कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं । जिले में रेत माफिया जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं। माफिया बेखौफ होकर रेत का खनन और ट्रांसपोर्टर परिवहन कर रहे हैं।

शासन को हो रहा राजस्व का नुकसान
क्षेत्र में रेत माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि बंद रेत घाटों से भी रेत का खनन किया जा रहा है। जिले के हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के घाटों को रेत खनन के लिए ठेका में दिया गया था। जिसका ठेका अक्टूबर 2022 में समाप्त हो चुका है। उसके बाद भी यहां से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। रेत माफिया बिना रायल्टी के रेत बेचकर शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। वहीं खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी के बाद भी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। रायल्टी लेकर रेत का परिवहन कर रहे वाहनों को जब्त किया जाता है। जबकि उत्खनन कार्य में लगे वाहनों पर कार्रवाई नहीं की जाती है।

अक्षय पात्र बन गया था रेत डंपिंग यार्ड
जिले में रेत ठेकेदारों के रेत डंप करने की जगह में रेत की मात्रा कभी नहीं घटती थी। खनिज विभाग द्वारा उन्हें निर्धारित मात्रा में रेत डंप करने की अनुमति दी जाती है। मगर उनके द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक रेत डंप करके रखा गया था। कई ठेकेदार एक से अधिक स्थानों पर रेत डंप करके रखे थे। यहां से रेत की बिक्री रोज होती थी, लेकिन दूसरे दिन फिर से डंपिंग स्थान में रेत की मात्रा जस की तस हो जाती थी।

विभागीय उदासीनता
विभागीय उदासीनता के चलते रेत घाटों में ठेकेदार अवैध उत्खनन कर मनमाने ढंग से रेत डंप करते रहे। शिवरीनारायण में तहसीलदार के द्वारा दो बार दो- दो सौ ट्रिप रेत को जब्त किया गया था। जिले के नदियों के रेत घाट में अवैध खनन जोरों पर है। जेसीबी, चैन मांउटेन से अंधाधुंध रेत उत्खनन कर हाइवा में लोड किया जा रहा है।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button