मध्य प्रदेश

अक्टूबर में मौसम का मिजाज बदला-बदला, नवंबर से बढ़ेगी ठंड; भोपाल में छाए रहेंगे बादल, दक्षिण एमपी में बारिश के आसार

भोपाल

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी के चलते मध्य प्रदेश का मौसम एक बार फिर बदल गया है। फिलहाल 22-23 अक्टूबर तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा।खास करके 20 अक्टूबर से प्रदेश के दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों में बादल छाने के साथ कहीं-कहीं हल्की वर्षा या बूंदाबांदी के आसार हैं।इधर, 21 और 24 अक्टूबर को भी दो नए वेदर सिस्टम सक्रिय होने वाले है, जिसका प्रदेश पर असर देखने को मिलेगा। नवंबर के दूसरे सप्ताह कड़ाके की ठंड़ पड़ना शुरू हो जाएगी जो जनवरी तक बनी रहेगी। इस बार ठंड का असर फरवरी तक जारी रह सकता है।
 मध्य प्रदेश में अक्टूबर महीने में मौसम का मिला-जुला असर दिखने को मिल रहा है। जहां रात और सुबह हल्की ठंड महसूस हो रही है, वहीं दिन में धूप का असर भी बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, अक्टूबर में मौसम की मिजाज ऐसे ही रहेंगे, लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह से प्रदेश में तेज ठंड का दौर शुरू होने की संभावना है।
मौसम का वर्तमान हाल

18 अक्टूबर को मौसम का मिजाज बदला रहा। भोपाल में दिनभर बादल छाए रहे, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वहीं इंदौर और खंडवा में तेज बारिश हुई। उज्जैन समेत कई शहरों में भी बादल छाए रहे। मौसम विभाग के अनुसार, 20 अक्टूबर से हल्की बूंदाबांदी शुरू होगी। 21 अक्टूबर से दक्षिणी हिस्से के ज्यादातर जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक का दौर रह सकता है।

मध्य प्रदेश के सभी जिलों में 19 अक्टूबर को मौसम साफ रहेगा। धूप खिली रहेगी, हल्की बारिश की कोई चेतावनी नहीं।
अगले 2 दिन कैसा रहेगा मौसम

20 अक्टूबर: बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में हल्की बारिश की संभावना। बाकी जिलों में मौसम साफ और धूप रहेगी।

21 अक्टूबर: बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा, हरदा, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर में गरज-चमक और हल्की बारिश का अलर्ट। बाकी जिलों में तेज धूप।

मौसम विशेषज्ञ के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही नमी की वजह से मौसम का मिजाज बदल रहा है। 22-23 अक्टूबर तक यही स्थिति बनी रहेगी।
नवंबर से ठंड का असर

मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के दूसरे सप्ताह से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा, जो जनवरी तक जारी रहेगा। इस बार ठंड का असर फरवरी तक रह सकता है। 2010 के बाद इस बार सर्दी सबसे भीषण हो सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और ला-नीना परिस्थितियों के कारण इस सर्दी में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है।
इस साल मानसून का रिकॉर्ड

    प्रदेश से मानसून विदा हो चुका है। 16 जून से 13 अक्टूबर तक मानसून 3 महीने 28 दिन सक्रिय रहा।
    इस साल प्रदेश में सामान्य से 15% ज्यादा बारिश दर्ज हुई (121% बारिश)।
    कुल बारिश: 48 इंच, सामान्य औसत 37.2 इंच।
    सबसे ज्यादा बारिश: गुना (65.6 इंच), मंडला-रायसेन (62 इंच), श्योपुर-अशोकनगर (56 इंच से अधिक)।
    सबसे कम बारिश: शाजापुर (28.9 इंच)।
    ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश का आंकड़ा सामान्य से दोगुना रहा।
    अधिकांश जिलों में कोटा पूरा हो गया, जबकि उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर में बारिश सामान्य स्तर के आसपास रही।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button