छत्तीसगढ़

सफलता की इबारत: नवाचार और तकनीक से दोगुनी हुई किसान की आय, झगरपुर के किसान खगेश्वर प्रधान ने बैगन की उन्नत खेती से कमाया 2 लाख रुपए का शुद्ध लाभ….

रायपुर: रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के ग्राम झगरपुर के प्रगतिशील किसान श्री खगेश्वर प्रधान ने यह साबित कर दिखाया है कि यदि पारंपरिक पद्धतियों के साथ नवाचार और वैज्ञानिक तकनीक को जोड़ा जाए, तो खेती एक अत्यंत लाभदायक व्यवसाय बन सकती है। उन्होंने अपने एक एकड़ खेत में बैगन की उन्नत खेती कर लगभग दो लाख रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया। अपनी इस उल्लेखनीय सफलता से श्री प्रधान ने इस वर्ष भी एक एकड़ और भूमि में बैगन की उन्नत खेती प्रारंभ की है और अब वे अधिक उत्पादकता के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं।

श्री प्रधान ने वैज्ञानिक पद्धति के साथ बैगन की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन किया और उद्यानिकी विभाग से तकनीकी मार्गदर्शन लिया। उन्होंने विभाग द्वारा समय-समय पर प्रदान किए गए परामर्श और योजनाओं के लाभ से खेती को आधुनिक स्वरूप दिया। श्री प्रधान ने संतुलित जैविक खाद, आधुनिक सिंचाई व्यवस्था और समयबद्ध पौध संरक्षण उपायों को अपनाया, जिससे फसल को उत्कृष्ट पोषण और सुरक्षा प्राप्त हुई। इन नवाचारों के परिणामस्वरूप श्री प्रधान ने प्रति एकड़ 123 क्विंटल बैगन का उत्पादन किया, जो पारंपरिक खेती की तुलना में दोगुनी है।

किसान श्री प्रधान को बैगन की खेती में कुल 46 हजार रुपए की लागत आयी और बाजार में बैगन को 20 रुपए प्रति किलोग्राम का मूल्य प्राप्त हुआ। इस प्रकार उन्हें कुल 2 लाख 46 हजार रुपए प्राप्त हुए। श्री प्रधान को लगभग 2 लाख रुपए का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ, जो यह दर्शाती है कि सही तकनीक, योजना और मेहनत के साथ खेती अब घाटे का नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का आधार बन सकती है।

अपनी सफलता पर उत्साहित किसान श्री खगेश्वर प्रधान कहते हैं कि खेती में मेहनत के साथ-साथ सही जानकारी और तकनीक के उपयोग ही सफलता का राज है। यदि किसान उन्नत बीज, पोषण प्रबंधन और आधुनिक कृषि पद्धतियाँ अपनाएँ, तो खेती-किसानी ज्यादा लाभप्रद बन सकती है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने किसान श्री प्रधान की उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सफलता ने अन्य किसानों के बीच उत्साह का संचार किया है। झगरपुर सहित आसपास के गाँवों के किसान अब उन्नत बीज, जैविक खाद और आधुनिक सिंचाई तकनीकों को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जो क्षेत्र में कृषि के बदलते परिदृश्य का शुभ संकेत है।

News Desk

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