छत्तीसगढ़

प्राथमिक शाला में बच्चियों के यौन शोषण का गंभीर मामला आया सामने, हेड मास्टर की दरिंदगी

राजनांदगांव
राजनांदगांव ब्लॉक की एक प्राथमिक शाला में बच्चियों के यौन शोषण का गंभीर मामला सामने आया है। प्रधान पाठक नेतराम वर्मा कई वर्ष से 10 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों की अस्मत से खेल रहा था। पिछले दिनों कुछ बच्चियों ने स्वजनों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद पूरा प्रकरण सामने आया।

स्वजनों के मुताबिक बच्चियों ने बताया कि शिक्षक कक्षा में उन्हें गंदी फिल्में दिखाते हैं और बेड टच करते हैं। बच्चियों ने शिक्षकों की जो हरकतें बताई उसे सुनकर स्वजन भी सकते में आ गए। शिकायत के बाद पुलिस जांच कर रही है। उधर आरोपित एचएम को निलंबित कर दिया गया है। उसके साथ ही सहायक शिक्षक डीसम प्रसाद तिवारी का भी निलंबन किया गया है।
 
विभाग के अनुसार डीसम को मामले की पूरी जानकारी थी लेकिन उन्होंने इसकी कोई सूचना विभाग को नहीं दी। वहीं विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने इसकी शिकायत चिखली पुलिस चौकी में दर्ज कराई है। पुलिस ने स्वजनों के बयान दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। नेतराम वर्मा को विकासखंड कार्यालय छुरिया संलग्न किया गया है। आदेश में उन्हें बाल संरक्षण अधिनियम व पाक्सो नियम के विपरीत आचरण का दोषी बताया गया है। आरोपित को छग सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन करना बताय गया है। इसी तरह डीसम प्रसाद तिवारी को विकासखंड शिक्षा कार्यालय डोंगरगढ़ में संलग्न किया गया है।

दूसरे बच्चों के सामने करता था गंदी हरकत
जिस शाला में आरोपी नेतराम वर्मा पदस्थ है, वहां पहली से पांचवी तक की कक्षाएं लगती है। आरोप है कि नेतराम, कक्षा में दूसरे बच्चों के सामने ही कुछ बच्चियों को गंदी फिल्में दिखाता था और उन्हें बेड टच करता था। बच्च्यिों ने ये पूरा किस्सा स्वयं परिजनों को बताया है। जब यह मामला सामने आया तो पता चला कि ऐसा लंबे समय से चल रहा है। कुछ और बच्चों से पूछे जाने पर उन्होंने भी स्वजनों को ये जानकारी दी। इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में भी काफी आक्रोश है।

बीईओ ने दर्ज कराई शिकायत
प्रकरण में विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने चिखली पुलिस चौकी ने शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरु कर दी है। चौकी प्रभारी ने कहा कि, मामला काफी संवेदनशील है और महिला पुलिस अधिकारी द्वारा बयान लिए जा रहे हैं। पूरी जांच के बाद ही प्रकरण के संबंध में आगे कोई जानकारी दी जाएगी।

कुछ भी बताने से बच रहे अधिकारी
इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी राजू साहू ने कहा कि इस संबंध में पुलिस से ही जानकारी ली जा सकती है। विभागीय तौर पर जानकारी के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने की बात कही।

पाक्सो बाक्स सिर्फ दिखावा
हर स्कूल में पाक्सो बाक्स लगाया जाना अनिवार्य है। यह प्रवेश द्वार पर या नोटिस बोर्ड के पास लगाया जाना होता है। लेकिन इसे लेकर कोई जागरुकता नहीं है। यही कारण है कि संगीन मामले में भी दबे रह जाते हैं। प्रति सप्ताह शनिवार को पालकों या शिक्षा सदस्यों की उपस्थिति में इसे खोला जाना होता है। इसकी जानकारी विभाग को दी जानी जरूरी है। इसके अलावा स्कूल में इस पर एक रजिस्टर भी मेंटेंन किया जाना आवश्यक है जिसमें पूरा ब्यौरा भरना होता है। किसी दूसरे मामले की शिकायत भी इसमें दर्ज कर ली जाती है। लेकिन स्कूलों में इस जरूरी व्यवस्था को नजर अंदाज किया जा रहा है।

News Desk

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