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होली त्यौहार का व्यापार पर आर्थिक प्रभाव: इस वर्ष 60 हज़ार करोड़ से अधिक के व्यापार होने की संभावना

कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री एवं चाँदनी चौक से भाजपा सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा दिल्ली में 13 मार्च को होली जलाई जाएगी जबकि रंगों का पर्व 14 मार्च को मनाया जाएगा। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी होली की त्यौहारी बिक्री में चीन का बने हुए सामान का व्यापारियों एवं ग्राहकों ने बहिष्कार किया और केवल भारत में ही निर्मित हर्बल रंग एवं गुलाल, पिचकारी, ग़ुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री, परिधान सहित अन्य सामानों की जमकर बिक्री हो रही है वहीं मिठाइयां, ड्राई फ्रूट, गिफ्ट आइटम्स, फूल एवं फल, कपड़े, फ़र्निशिंग फैब्रिक, किराना, एफएमसीजी प्रोडक्ट, कंज्यूमर ड्युरेबल्स सहित अन्य अनेकों उत्पादों की भी ज़बरदस्त माँग बाज़ारों में दिखाई दे रही है।

उपभोक्ता खर्च में वृद्धि के चलते विभिन्न व्यापार के क्षेत्रों में होली की त्यौहारों की बिक्री तेजी से हो रही है।रंग-अबीर खेलने के लिए लोग सफेद टी-शर्ट और कुर्ता-पाजामा, सलवार सूट की मांग कर रहे हैं। वहीं, हैप्पी होली लिखे टी-शर्ट की मांग भी बाज़ार में लगातार बनी हुई है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी सी भरतिया ने कहा की भारत त्योहारों का देश है और हर त्यौहार अथवा किसी भी धार्मिक आयोजन से व्यापार निश्चित रूप से बढ़ता है। जिससे स्थानीय व्यवसायों, छोटे व्यापारियों, लघु उद्योगों एवं एमएसएमई सेक्टर विशेष रूप से लाभ होता है। यह होली देश भर में व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।

कैट के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष होली का त्योहार व्यापारियों के लिए 60,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 20% अधिक है। पिछले वर्ष यही कारोबार लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये का था। एक अनुमान के अनुसार दिल्ली के बाजारों में ही लगभग 8 हज़ार करोड़ से अधिक के व्यापार होने की संभावना है।

दोनों व्यापारी नेताओं ने बताया कि ने बताया की इस वर्ष भी दिल्ली,भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित देश भर में भर में बड़े पैमाने पर होली समारोहों का आयोजन हो रहा है जिसके चलते बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्टोरेंट एवं सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों आयोजनों का तांता लगा हुआ है| अकेले दिल्ली भर में छोटे बड़े मिलाकर 3 हज़ार से ज़्यादा होली मिलन समारोह आयोजित हो रहे हैं और बड़ी संख्या में व्यापारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संगठन होली मिलन समारोह आयोजित कर रहे हैं।

इस होली खरीदी करें अपनी गली मोहल्ले के व्यापारियों से वोकल फॉर लोकल, मेड इन इंडिया को बढ़ावा दें (कैट)

कैट मध्य प्रदेश एवं जबलपुर के सभी पदाधिकारी संदेश जैन, जितेंद्र पचौरी, दीपक सेठी, सीमा सिंह चौहान, रोहित खटवानी, मनु शरत तिवारी, राहुल बड़रिया, मनोज जसाटी, निखिल पावा, होली के इस पर्व पर सभी प्रदेशवासी, शहर वासी से अपील की गई है कि होली के त्यौहार में अपनी खरीदी आप अपने शहर की दुकानों से ही करें,

होली का पर्व नजदीक आते ही दिल्ली सहित देश के सभी राज्यों एवं शहर के सभी थोक एवं खुदरा बाजार पूरी तरह सजे हुए हैं। सभी बाजारों में दुकानों पर गुलाल और पिचकारी के साथ होली के अन्य सामानों की खरीदारी के लिए भीड़ लगी है। होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि भोजन और व्यंजनों का भी पर्व है। मिठाई की दुकानों पर ख़ास तौर से होली पर टेडीशनल बनने वाली मिठाई जैसे कि गुंजिया, बालू शाही, मेव की माला आदि के बड़े स्तर पर बिक्री हो रही ह।

उन्होंने बताया की इस होली में केमिकल युक्त गुलाल एवं रंग की बजाय हर्बल रंग,अबीर और गुलाल की सर्वाधिक माँग बाज़ारों में है वहीं ग़ुब्बारे और पिचकारी एवं गुलाल के स्प्रे की माँग पिछले सालों के मुक़ाबले कुछ ज़्यादा ही है

कौन कहता है जबलपुर एवं महाकौशल में टूरिज्म नहीं है

कैट द्वारा प्राप्त जानकारी कर बताया गया कि इस होली त्यौहार पर जबलपुर एवं महाकौशल के आसपास में स्थित टूरिज्म स्थान के सभी होटल खचाखच भरे हुए हैं और वह भी अपने अधिकतम दामों पर बिना किसी डिस्काउंट, बिना ऑफर के, होटल एवं फार्म हाउस में जगह नहीं है लोगों ने पहले से ही बुकिंग कर रखी है, इस मौके पर कई लोग निराशा भी हो रहे हैं जिनके रिश्तेदार बाहर हैं वह 2- 3 दिन के लिए आने का प्लान कर रहे हैं, आसपास पिकनिक मनाने का लेकिन होटल में जगह न होने के कारण उन्हें निराश होना पड़ रहा है, इससे यह व्यतीत होता है कि आने वाले समय में पर्यटन स्थल के पास बड़े छोटे होटल का व्यवसाय करने के काफी आसार है, जो लोगों को रोजगार तो देंगे ही एवं प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करेंगे

News Desk

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