मध्य प्रदेश

नहीं बदल सकेंगे विषय 11वीं के छात्र 12वीं में, मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की रोक

भोपाल: मध्य प्रदेश बोर्ड 12वीं के विद्यार्थी 31 दिसंबर तक त्रुटि सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने विद्यार्थियों से प्रत्येक विषय में त्रुटि सुधार के लिए 500 रुपए शुल्क लिया है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विद्यार्थी 12वीं में वही विषय लेंगे जो उन्होंने 11वीं में लिए हैं। अगर किसी विद्यार्थी को 11वीं में कोई विषय कठिन लगता है तो वह 12वीं में उसे नहीं बदल सकता। 

अगर 12वीं के परीक्षा फॉर्म में स्कूल द्वारा गलती से विषय बदल दिया गया है तो अनुरोध प्रस्तुत कर त्रुटि सुधार कराया जा सकेगा। तीन साल पहले तक माध्यमिक शिक्षा मंडल में 12वीं कक्षा में विषय बदलने की सुविधा थी। पिछले साल कुछ विशेष मामलों में विषय बदलने की सुविधा थी, लेकिन शिक्षा मंडल ने इस पर रोक लगा दी है। इस बार माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 12वीं कक्षा में त्रुटि सुधार की सुविधा दी है। 

ऑनलाइन त्रुटि सुधारने की व्यवस्था होगी

माशिमं द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रविष्टि में विषय में की गई त्रुटि को सुधारने की सुविधा 31 दिसंबर तक प्रदान की गई है। इसमें 500 रुपए प्रति विषय के दंड के साथ विषय में त्रुटि सुधारी जा सकेगी।

संस्था प्राचार्य को कक्षा 11वीं में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की अंकसूची, सुधार और इस आशय का घोषणा-पत्र एमपी ऑनलाइन पर अपलोड करना होगा। जिन विद्यार्थियों के विषय में त्रुटि सुधारी गई है, उन विद्यार्थियों ने कक्षा 11वीं में वही विषय पढ़े हैं या विद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को उसी विषय की अंकसूची जारी की गई है।

यदि कोई विद्यालय तथ्य छिपाता है तो संबंधित प्राचार्य के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अर्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं

सरकारी विद्यालयों में बोर्ड परीक्षाओं की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अगले माह प्री-बोर्ड परीक्षाएं शुरू होंगी। अभी तक 10वीं-12वीं की अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया गया है। रिजल्ट के आधार पर स्कूलों में रिमेडियल कक्षाएं लगेंगी। बता दें कि पिछले शैक्षणिक सत्र में हाईस्कूल का रिजल्ट खराब हुआ था। ऐसी स्थिति से बचने के लिए इस बार अंग्रेजी और गणित पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसका मुख्य कारण यह है कि इन विषयों में छात्र सबसे ज्यादा फेल होते हैं। अधिकारियों के मुताबिक अगर इन विषयों पर फोकस किया जाए तो रिजल्ट में सुधार होगा।

News Desk

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