मध्य प्रदेश

श्योपुर में सुपोषण के संकेत

भोपाल : केन्द्र सरकार द्वारा जारी प्रतियोगिता में श्योपुर देश में सुपोषण के लिए किए गए प्रयासों में द्वितीय स्थान पर रहा। महिला एवं बाल विकास विभाग की मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन योजना से बच्चों के पोषण पर सघन निगरानी रखी जा रही है। हर महीने हर बच्चे का पोषण स्तर जाना जा रहा है, और किसी भी विपरीत स्थिति में सुनियोजित ढंग से पोषण प्रबंधन किया जा रहा है।

श्योपुर जिले में कार्यरत विभिन्न संस्थानों के बेस लाइन सर्वे एवं एंड लाइन सर्वे के आंकड़ों के अनुसार जिले में 10 वर्षों में अब तक कुपोषित बच्चों की श्रेणी में 90 प्रतिशत तक कमी आई है। पिछले वर्षों में आंगनवाड़ी की सेवाओं का लाभ लेने वालों में 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 35 प्रतिशत घरों में पोषणबाड़ी का प्रचलन बढ़ा है। 30 प्रतिशत महिलाओं एवं बच्चों की आहार विविधता बढ़ी है। जहां 2020 में 906 बच्चे अति कुपोषित थे वहीं अब इस श्रेणी में मात्र 122 बच्चे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपोषण के लिए किए गए प्रयासों के तहत सबसे पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता वृद्धि की गयी। कुपोषण को सरलता से पहचानना, कुपोषण चक्र को तोड़ना, आहार विविधता, भोजन एवं पोषण, स्वच्छता व्यवहार परिवर्तन, मोटे अनाज एवं पूरक पोषण आहार से विभिन्न प्रकार के बाल सुलभ आहार बनाना आदि पर नियमित प्रशिक्षण दिए गए, जिसके परिणाम स्वरूप आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण महिला और पुरुषों को परामर्श देकर जन जागरूकता पर कार्य किया। अब जिले की कई आंगनवाड़ी केन्द्रों में मास्टर ट्रेनर हैं।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (NFHS-4) वर्ष 2005-06 के जारी आंकड़ों की तुलना में NFHS-5 वर्ष 2020-21 में जारी आंकड़ों से की जाए तो मध्यप्रदेश में कम वजन के मामले में 40% एवं दुबलापन में 46% तथा अति गंभीर दुबलापन में 48% तक कमी परिलक्षित हुई है। वहीं केन्द्र सरकार की पोषण ट्रैकर अनुसार वर्ष 2023- 24 में प्रदेश में 5.50 लाख बच्चे कम वजन की श्रेणी में चिन्हित हुए। इसी तरह श्योपुर में पांच साल से कम उम्र के कम वजन वाले बच्चों की संख्या में 37.7% की कमी आई है।

News Desk

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button