संसद में हाथापाई की घटना को लेकर गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधा, कहा- ‘इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज मुंबई में आयोजित यज्ञ कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर होने के बावजूद राहुल गांधी का आचरण बेहद अशोभनीय है। उनका व्यवहार अराजकता को बढ़ावा देने वाला है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। गिरिराज सिंह ने कहा, "राहुल गांधी ने जानबूझकर रास्ते से हटने की कोशिश की और गुंडागर्दी का माहौल बनाने की कोशिश की। वह कानून को अपने हाथ में ले रहे थे, लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
राहुल गांधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।" विपक्ष के दोहरे रवैये पर कड़ा हमला विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान और देश के प्रति अनादर का रवैया अपनाया है। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया, बल्कि जवाहरलाल नेहरू को यह सम्मान दिया। कांग्रेस ने बाबा साहब अंबेडकर को देशद्रोही तक कहा था। अब चुनावी फायदे के लिए वे बाबा साहब की नाव पर सवार होने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता उनकी मंशा समझ चुकी है।
बिहार में एनडीए की जीत का भरोसा
नीतीश कुमार द्वारा किसी गलत बात का समर्थन न करने की बात कहते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि 2025 में बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी। विपक्ष पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए सिर्फ विकास की राजनीति करता है। हम कोई समीकरण नहीं बना रहे हैं, बल्कि विकास की दिशा में काम कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने केजरीवाल पर साधा निशाना
अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, "रोहिंग्या रोहिंग्या हैं, बांग्लादेशी बांग्लादेशी हैं। दिल्ली में बिहार और पूर्वांचल के 99 फीसदी लोग हिंदू हैं। अरविंद केजरीवाल लोगों में भ्रम न फैलाएं।"
सनातन धर्म के समर्थन में गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने सनातन धर्म की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि भारत में सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं हो सकता। उन्होंने सनातनियों की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें भी वक्फ बोर्ड जैसा बोर्ड मिलना चाहिए। गिरिराज सिंह ने आगे कहा, "मैं सनातन धर्म के अनुयायियों का समर्थन करता हूं और उनकी मांग पूरी तरह जायज है।" ऐसे में माना जा रहा है कि उनके इस बयान से राजनीति के विभिन्न पहलुओं, खासकर धर्म और राजनीति के घालमेल के मुद्दे पर चर्चा जरूर गहरी होगी।