अध्यात्म

खुशहाली के लिए वास्तुशास्त्र का पालन करें

सभी अपने घर और जीवन में खुशहाली चाहते हैं पर कई बार हमें मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अगर हम इस दौरान वास्तुशास्त्र का पालन करें तो आने वाली परेशानियां कम हो सकती हैं। वास्तु विज्ञानियों की मानें तो घर में रखी हर चीज़ को वास्तुशास्त्र के अनुसार रखना चाहिए। इससे वहां रहने वाले लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का पालन नहीं करता तो उसके जीवन में कईं तरह की मुसीबतें पैदा हो जाती हैं। कहा जाता है कि वास्तुशास्त्र की हर बात इंसान के जीवन में अहम मानी जाती है। अगर इसमें लिखी सभी बातों को मान लिया जाए तो परिवार के लोगों का जीवन खुशहाल होता है। वहीं अगर वास्तुशास्त्र का पूरी तरह से पालन न किया जाए तो घर में खुशहाली नहीं रहती। कई बार घर के सदस्यों के बीच क्लेश और झगड़े बढ़ने लगते हैं। वास्तुशास्त्र के खास नियम अपनाकर कलह और आर्थिक समस्या से बचा जा सकता है।
उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुधरा रखें
अगर आपके घर में आर्थिक परेशानी चल रही है तो घर की उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुधरा रखें। उत्तर-पूर्व दिशा देवताओं के आगमन की दिशा मानी गई है। इसी दिशा से परिवार में खुशियों और धन की बारिश होती है। कहा जाता है कि इस दिशा में कभी भी कोई भारी सामान नहीं रखना चाहिए। घर की उत्तर-पश्चिम दिशा को भी धन का महत्वपूर्ण स्त्रोत माना गया है। जानकारों का कहना है कि इस दिशा में हमेशा रोशनी मौज़ूद होनी चाहिए। कभी भी इस दिशा में गंदगी नहीं होनी चाहिए। घर की इस दिशा में रोज़ सफाई करना शुभ माना जाता है।
दक्षिण दिशा रखें बंद
दक्षिण दिशा को यम का द्वार माना गया है। कोशिश करें कि इस दिशा को हमेशा बंद रखें और इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी भी घर का प्रवेश द्वारा इस दिशा में न हो। इस दिशा को धन का नुकसान करने वाली दिशा कहा जाता है, इसलिए यहां कभी भी धन न रखें। इस दिशा को लेकर कुछ मान्यताएं यह भी है कि यह दिशा यहां रहने वाले सदस्यों की उम्र कम करती है। कहा जाता है कि दक्षिण-पूर्वी कोने में घर के मुखिया का कमरा कभी नहीं होना चाहिए। अगर घर के मुखिया का कमरा इस दिशा में है तो उसका जीवन कभी सुखी नहीं रहता। हमेशा परेशानियों से भरा रहता है। साथ ही घर का रसोईघर कभी उत्तर-पूर्वी दिशा में नहीं होना चाहिए।

News Desk

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